शिक्षक-विद्यार्थी संबंध "समय की खाई"

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Mahak Gupta
Sep 05, 2019   •  9 views

यह पत्र शिक्षक और विद्यार्थी के बीच समय की खाई को पाटने की मेरी एक छोटी सी कोशिश हैं l

“शिक्षक और विद्यार्थी का चोली दामन का साथ हैं।”

बच्चे की प्रथम पाठशाला उसका परिवार होता हैं, जहाँ वह अपने माता-पिता व अन्य सदस्यों से प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करता है । लेकिन उसके जीवन को सँवारने में एक शिक्षक का महत्वपूर्ण योगदान होता है ।

आज का दौर बदलता हुआ हैं। प्राचीन समय से वर्तमान समय में बहुत बड़ा परिवर्तन आया हैं। जिसके साथ बच्चों के व्यवहार, सोच और रहन-सहन में भी बदलाव आया हैं। बच्चों और शिक्षक के बीच का यह अंतर ओर गहरा हो रहा हैं, क्योंकि शिक्षक बच्चों के व्यवहार, सोच और तौर-तरीकों से असंतुष्ट हैं। जिसके कारण शिक्षक-विद्यार्थी के पहले जैसे संबंध कम देखने को मिलते हैं।

इसलिए आज के बदलते दौर में शिक्षक-विद्यार्थी संबंध को मधुर बनाये रखने के लिए शिक्षक को चाहिए कि वे बदलावों को स्वीकार करें न कि अपने बीते समय से तुलना करें। आज के दौर में शिक्षक का यही व्यवहार बच्चों के साथ तालमेल बनाये रखने के लिए परम आवश्यक हैं।

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