उसे अपने गाँव की याद आने लगी....

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Gauri Mangal
May 30, 2019   •  31 views

आज शाम उसका मन कुछ भर सा गया
इस रोज की भागदौड़ में वो थक सा गया..
ये शहरी सड़कें अब उसका जी ऊबाने लगी
उसे अपने गाँव की याद आने लगी ....

यहाँ के खाने से पेट भरता है
मां के खाने से जी भरता था ..
उस चूल्हे की खुशबू याद कर उसकी आँखें भर आने लगी
उसे अपने गाँव की याद आने लगी....

वो चाय की दुकानों की हंसी ठिठौली
उस चंचल हवा की आंख मिचौली..
यहां की शामें तो कॉफी चुराने लगी
उसे अपने गाँव की याद आने लगी....

वो यारों संग मस्ती भरा शामों का सफर
वो नहर जो जाती थी पाँव भिगोकर..
यहाँ तो एक पल की भी किश्त जाने लगी
उसे अपने गाँव की याद आने लगी.....

"खुशियाँ परिवर्तन में नहीं, पलों में मौजूद हैं.. "
"जिंदगी की दौड़ में इतना मशगूल हो गए,
कि इसको जीना भी तो था ये जैसे हम भूल ही गए |"

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