चलो रेत पर घरोंदे बनाते है ,
लहरो से लड़कर जो बिखर जाएंगे,
जब तक रहेंगे घरोंदे तब तक उनमे हम तुम नज़र आएंगे
कभी साथ का अहसास देंगे,
कभी बिखर कर गुम हो जाएंगे,
रहेंगे जब तक घरोंदे तब तक हम तुम उनमे नज़र आएंगे।
डॉ. अविराग