गहनता
गंभीरता
गहराई
अगाध ज्ञान की बात
Reconditeness
Abstrusity
Astuteness
But much of the adorable and fashionable characteristics of their poems as the profundity of thought, sublimeness of emotions, tragic depth and social responsiveness found in Asan and the perspicuity of expression, involvement in the contemporary political situation in India and sensitivity to beauty apparent in Vallathol were the attributes pursued by the readers in the poems of Ulloor and they were annoyed at missing them in his poetry.
उनके आलोचकों की सबसे बड़ी कमजोरी यह थी कि वे उल्लूर में जहॉँ आशान की कविताओं का विचार - गांभीर्य, भावनाओं का उदात्त रूप और सामाजिक चेतना खोजते थे, वहीं वळ् ळतोळ के लेखन में जो अभिव्यक्ति की पारदर्शिता, सहजगम्यता, भारत की तत्काली राजनैतिक परिस्थितियों की और झुकाव और सौंदर्य के प्रति संवेदनशीलता थी, उसके दर्शन भी करना चाहते थे ।
I will try to make these roots of Makiguchi ' s thought explicit, attesting to the profundity and durability of his themes while at the same time allowing Makiguchi ' s work to alert us to the continuing vitality of classical understandings today.
मैं कोशिश करूंगा कि माकीगुची के विचारों की इन जड़ों की उजागर करूं और उनके विषयों की गहराई और स्थायित्व को स्पष्ट करूं ।
Mr. Venkataraya Sastry ' s name has always been associated with profundity of scholarship as well as lucidity of expression.
वेंकटराय शास्त्री का नाम प्रगाढ़ विद्वत्ता और प्रकृष्ट अभिव्यंजना के साथ हमेशा से जुड़ा हुआ पेज 40 है ।
I can best indicate the wisdom and profundity of Makiguchi ' s ideas by pointing to their support in the eudaimonistic thought of Socrates, Plato, and Aristotle and their successors in this tradition of Western philosophy down to today.
मैं माकीगुची के विचारों की बुद्धिमत्ता और गरिमा को सबसे अच्छी तरह दर्शाने के लिए यही कह सकता हूं कि वे समर्थक हैं सुकरात, प्लेटो और अरस्तू की सुख हेतु विचारधाराओं के और पश्चिमी दर्शन के उनके उत्तराधिकारीगण के ।
The reason for this lies in his power of narration and profundity and profuseness of his ideas.
इसका कारण पंजाबी कथा - साहित्य को योगदान 51 उनकी वर्णन् - शक्ति तथा उनके विचारो की गंभीरता एवम् विपुलता में निहित है ।
Whereas Kalidasa is praised tor his use ot similes upama and Bharavi for his profundity of thought arthagaurava, Dandin is praised for his elegance of diction padalalityd.
कालिदास की उपमा और भारवि के अर्थ - गौरव के साथ दण्डी के पद - लालित्य की प्रशंसा की जाती है ।