Meaning of Mutable in Hindi - हिंदी में मतलब

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Ayush Rastogi
Mar 08, 2020   •  0 views
  • परिवर्तनीय

Synonyms of "Mutable"

Antonyms of "Mutable"

"Mutable" शब्द का वाक्य में प्रयोग

  • As did their arrogance in the land, and their plotting of evil. But their evil plots will turn back on the plotters themselves. So can they expect any thing but what befell the earlier people ? You will not find any change in the law of God, nor will you find divine law mutable.
    उनकी नफरत को तरक्की ही होती गयी और बुदी तद्बीर तो बुरी तद्बीर करने वाले ही पर पड़ती है तो ये लोग बस अगले ही लोगों के बरताव के मुन्तज़िर हैं तो तुम खुदा के दसतूर में कभी तब्दीली न पाओगे और खुदा की आदत में हरगिज़ कोई तग़य्युर न पाओगे

  • For our mentality, a restricted instrument moving in a limited field and seizing things by fragments and parcels, is necessarily shifting, restless and mutable ; it can find steadiness only by limiting its field of action and fixity only by cessation and repose.
    कारण, हमारा मन जो एक परिसीमित क्षेत्र में क्रिया करनेवाला तथा अंशों एवं खण्डों के द्वारा वस्तुओं को जाननेवाला सीमित यन्त्र है, स्वाभाविक रूप से अस्थिर, चंचल और विकारी है; अपने कार्यक्षेत्र को सीमित करके ही यह स्थिरता लाभ कर सकता है और निवृत्ति तथा विश्रान्ति के द्वारा ही निश्चलता प्रापत कर सकता है ।

  • The mutable is the substance and immediate motive of that changing flux of personality through which the relations of our cosmic life are made possible.
    क्षर पुरुष व्यक्तित्व के उस परिवर्तनशील प्रवाह का, जिसके द्वारा हमारे विश्वगत जीवन के सम्बन्ध सम्भव बनते हैं, उपादान और प्रत्यक्ष प्रेरक है ।

  • The Gita makes a distinction between three Purushas who constitute the whole state and action of the divine Being, the mutable, the Immutable and the Highest which is beyond and embraces the other two.
    गीता पुरुष के तीन भेद प्रतिपादित करती है, ये तीन पुरुष भागवत सत्ता की सब भूमिकाओं और उसके सम्पूर्ण कार्य - व्यापार का गठन करते हैं ; ये हैं क्षर, अक्षर और परात्पर जो अन्य दो से परे है तथा उन्हें अपने अन्दर समाविष्ट किये हुए है ।

  • This also is Purusha and Brahman, but it is the mutable Purusha, the phenomenon of the Eternal, not its stable reality.
    यह व्यक्तित्व भी पुरुष और ब्रह्म है, पर है क्षर पुरुष, सनातन का दृश्य रूप न कि उसका स्थिर सत्स्वरूप ।

  • As did their arrogance in the land, and their plotting of evil. But their evil plots will turn back on the plotters themselves. So can they expect any thing but what befell the earlier people ? You will not find any change in the law of God, nor will you find divine law mutable.
    हालाँकि बुरी चाल अपने ही लोगों को घेर लेती है । तो अब क्या जो रीति अगलों के सिलसिले में रही है वे बस उसी रीति की प्रतिक्षा कर रहे है ? तो तुम अल्लाह की रीति में कदापि कोई परिवर्तन न पाओगे और न तुम अल्लाह की रीति को कभी टलते ही पाओगे

  • Dwelling in a natural world, she ' forever possesses an intolerable desire to penetrate to the hidden eternity at the core of the most trivial accidents of human destiny, the most fleeting moment of this radiant and mutable world '.
    एक स्वाभाविक संसार में रहते हुए भी, उस लड़की में इस दीप्त अपरिर्वनीय संसार के तीव्रगामी क्षण व मानवीय भाग्य की अत्यंत सामान्य घटनाओं के अंतर्भाग में छिपी हुई शाश्वतता के भेदने की एक असहिष्णु इच्छा हमेशा बनी रहती है ।

  • If attachment to mutable personality is the cause of our self - ignorance, of our discord and quarrel with ourself and with life and with others, and if there is an impersonal One in which no such discord and ignorance and vain and noisy effort exist because it is in eternal identity and harmony with itself, then to arrive in our souls at that impersonality and untroubled oneness of being is the one line and object of human effort to which our reason can consent to give the name of practicality.
    यदि अपने विकारी व्यक्तित्व के प्रति आसक्ति ही हमारे आत्म - विषयक अज्ञान का तथा अपने साथ और जीवन की परिस्थिति के साथ एवं दूसरों के साथ हमारे असामंजस्य और कलह का मूल है और यदि कोई ऐसा निर्व्यक्तिक एकमेव है जिसमें इस प्रकार के प्रत्येक असामंजस्य, अज्ञान और निरर्थक तथा कोलाहलपूर्ण प्रयत्न का अभाव है, क्योंकि वह अपने स्वरूप के साथ सनातन तादात्म्य और सामंजस्य में रहता है, तब अपनी अन्तरात्मा में सत्ता की उस निर्व्यक्तिकता तथा अक्षुब्ध एकता को प्राप्त करना ही मानव - प्रयत्न की एकमात्र दिशा एवं उसका लक्ष्य है जिसे हमारी बुद्धि व्यावहारिकता का नाम देने को सहमत हो सकती है ।

  • The mental being fixed in the mutable moves in its flux and has not possession of an eternal peace and power and self - delight ; the soul fixed in the Immutable holds all these in itself but cannot act in the world ; but the soul that can live in the Highest enjoys the eternal peace and power and delight and wideness of being, is not bound in its self - knowledge and self - power by character and personality or by forms of its force and habits of its consciousness and yet uses them all with a large freedom and power for the self - expression of the Divine in the world.
    क्षर पुरुष में प्रतिष्ठित मनोमय प्राणी उसके प्रवाह में ही गति करता रहता है और इसे शाश्वत शान्ति, शक्ति एवं आत्मानन्द प्राप्त नहीं हैं ; अक्षर पुरुष में प्रतिष्ठित आत्मा के अन्दर ये सब विद्यमान होते हैं पर वह जगत् में कर्म नहीं कर सकती ; किन्तु जो आत्मा परात्पर पुरुष में निवास कर सकती है वह सत्ता की शाश्वत शान्ति, शक्ति, आनन्द और विशालता का उपभोग करती है, अपने आत्मज्ञान और आत्मशक्ति में चरित्र एवं व्यक्तित्व से या अपनी शक्ति के रूपों तथा अपनी चेतना के अभ्यासों से नहीं बंधी होती और फिर भी जगत् में भगवान् को प्रकट करने के लिये इन सबको विशाल स्वतन्त्रता और शक्ति के साथ प्रयुक्त करती है ।

  • The Self will be realised as the all in its double aspect of immutable status and mutable activity and it is this that will be seen as the comprehensive truth of our existence.
    उसे अक्षर स्थिति और क्षर क्रिया के दोहरे स्वरूप से युक्त विराट के रूप में आत्मा का साक्षात्कार होगा और यही हमारी सत्ता का व्यापक सत्य प्रतीत होगा ।

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