विनोदी
हास्यकर
Humourous
Humorless
In 1900 Ma ' arif carried Yildirim ' s celebrated humorous piece Save Me from My Friends.
' मा आरिफ ' ने 1900 में यिल्दिरिम की प्रसिद्ध हास्य रचना ' मुझे मेरे दोस्तो से बचाओ ' प्रकाशित की थी ।
That is why Acharya Atre has pointed out, ' He borrowed from the western masters of humorous writing nothing except their style and mode ; Kolhatkar ' s humorous imagination was his own '.
अतएव आचार्य अत्रे ने एक स्थान पर लिखा है कि शैली अथवा ढंग के अनुकरण को छोड़ कर इन पाश्चात्य विनोदी लेखकों से उन्होंने अन्य कुछ भी नहीं लिया ।
The humorous vein of the narrative then turns didactic for a time after 204 lines, and the poet preaches some moral values, but soon, the poet errupts into vitriolic denunciation of the Rajas of Garjat States condemning their pomp, pride ', selfishness and vices and castigating them for exploiting the common people and oppressing them.
पर कुछ ही देर के लिए, क्योंकि शीघ्र ही वह गढ़ - जात रियासतों के राजाओं पर अपने रोष का पिघला सीसा उँड़डेल डालने को फूट पड़ता है, उनकी झूठी शान के दिखावे, उनके गरब - गुमान, उनकी सुदग़र्जी और उनके पापों पर जी - भर लानत - मलामत भेजने लगता है, जनसाधारण के शोषण - उत्पीड़न पर उनकी बख़िया उधेड़ - उधेड़कर उनकी अच्छी - खासी ख़बर लेने लगता हैं ।
' The scope and leap of Kolhatkar ' s overall humorous imagination was indeed very great.
कोल्हटकर की सर्वतोमुखी विनोद - प्रतिभा का क्षेत्र बहुत बड़ा था ।
Curiously enough, the opening nandi verse has a humorous touch: When Shiva started his tandava dance, Nandi began playing the drum ; the deep, reverberating sound was mistaken as a thunder - clap by Kartikeya ' s peacock and he moved forward ; seeing the peacock, Vasuki the serpant was frightened ; he hurriedly entered the trunk of Ganesha to seek a hiding place there ; Ganesha shook his face violently ; the bees drinking the honey - rut from the temples of his elephant - head rose up in agitation ; while Ganesha himself stood panting and groaning in fright with the serpent moving in his trunk.
काफी अचरज की बात है प्रारंभिक नान्दी - पद्य में हास्य का स्पर्श है - जब शिव ने अपना तांडव - नृत्य प्रारंभ किया, नन्दी दुन्दभी बजाने लगा, उसके गंभीर प्रतिनिनाद को कार्तिकेय के मयूर ने घनगर्जन समझा औरवह आगे बढ़ा, मयूर को देखकर वासुकि - सर्प भयभीत हो गया और वह छिपने के लिए जल्दी - जल्दी गणेश की सूँड में घुसने लगा, गणेश ने अपना सिर जोर - जोर से हिलाया, उनके हस्ति - कपोलों पर मद - पान करने वाले भौंरे उत्तेजित होकर उडने लगे जब कि गणेश स्वयं अपनी सूँड में सर्प घुसने केकारण हाँफते और डर से कराहते हुए खडे रहे ।
Another important aspect of his varied humorous writing is that it is totally unsullied by personal malice or back - biting.
कोल्हटकर के इस बहुमुखी विनोद - साहित्य की एक अन्य विशेषता यह है कि इसमें वैयक्तित्व निंदा या छींटाकशी नाम को भी नहीं है ।
So much so that on the occasion of Holi when humorous titles were distributed, to his lot fell such ponderous titles as that of a ' heavy tank '.
यहां तक कि होली के अवसर पर भंग की तंरग में जब उपाधियां बांटी जाती थीं, तब भी उनके भाग्य में ' हैवी टैंक ' जैसी भारी उपाधियां होती थीं ।
The breath of laughter blows only occasionally in Bankim - chandra ' s novels, and although many of them end happily, Indira alone is predominantly humorous.
बंकिमचंद्र के उपन्यासों में हास्य की फुहार बहुत कम ही देखने को मिलती है ।
He wrote thirty - two humorous articles during the two decades from 1902 to 1922.
1902 से लेकर 1922 तक दो दशाब्दियों में उन्होंने विनोदी लेख लिखे ।
His educated and sophisticated heroes indulge in humorous witticisms, and the modern heroines counter them equally with apt witticisms.
उनके सुशिक्षित एवं विदग्ध नायक वाक्याश्रित विनोद का उपयोग करते हैं तथा आधुनिक नायिकाएँ उनका उसी ढंग से प्रत्युत्तर देती हैं ।