अहंवादी
Egoistical
Self-centered
Self-centred
To conquer the lures of egoistic existence in this world is our first victory over ourselves ; to conquer the lure of individual happiness in heavens beyond is our second victory ; to conquer the highest lure of escape from life and a self - absorbed bliss in the impersonal infinity is the last and greatest victory.
इस जगत् में अहं - भावमय सत्ता के प्रलोभनों को जीतना अपने ऊपर हमारी पहली विजय है; संसार से परे के स्वर्गलोकों में मिलनेवाले व्यक्तिगत सुख के प्रलोभन को जीतना हमारी दूसरी विजय है; जीवन का त्याग करके निर्व्यक्तिक अनन्त सत्ता में आत्मलीनता का आनन्द प्राप्त करने के सबसे महान् प्रलोभन को जीतना अन्तिम और सबसे बड़ी विजय है ।
It is their confused and inconstant interaction that 100 The Yoga of Divine Works determines the experiences of the egoistic human consciousness swinging in Nature ' s uncertain balance.
इनकी अस्तव्यस्त और अनिश्चित परस्पर - क्रिया ही अहम्मन्य मानव - चेतना के अनुभवों को निर्धारित करती है और इस प्रकार वह चेतना प्रकृति के एक अस्थिर सन्तुलन के झूले में झूलती रहती है ।
An egoistic faith in the mental and vital being tainted by ambition, pride, vanity, mental arrogance, vital self - will, personal demand, desire for the petty satisfactions of the lower nature is a low and smoke - obscured flame that cannot burn upwards to heaven.
मन और प्राण की ऐसी अंहकारयुक्त श्रद्धा जो बड़े बनने की आंकाक्षा, अभिमान, दंम्भ, अंहमन्यता, प्राण की सवैरता, वैयक्तिक अभिलाष और निम्न प्रकृति की क्षुद्र वासनातृप्ति से कलंकित हो, ऊर्ध्वगमनाक्षम धूमाच्छन्न अग्रिशिखा के समान है जो ऊपर स्वर्ग की ओर उज्जवलित नहीं हो सकती ।
It is by the attraction of this law that a divinising principle, a saving power descends to limit and correct and gradually to eliminate the errors of an egoistic and self - divided creation.
इसी विधान के आकर्षण से एक दिव्यीकारक, रक्षक शक्ति इस अहम्मय और विभक्त सृष्टि की भूलों को सीमित और संशोधित तथा उन्हें शनैः - शनैः दूर करने के लिये अवतरित होती है ।
If these things come, he must at once detect their source, the defect which they indicate, the fault of egoistic claim, vital desire, emotion or idea from which they start and this he must discourage by his will, his spiritualised intelligence, his soul unity with the Master of his being.
यदि ये चीजें प्रकट हों तो उसे इनके मूल कारण को, इनके द्वारा सूचित त्रुटि को, अहंकारपूर्ण मांग के दोष को, तथा उस प्राणिक कामना, भावावेग या विचार को, जिससे ये उदभूत होती हैं, समता की क्रिया तुरन्त ढूंढ़ निकालना होगा और अपनी संकल्पशक्ति एवं अध्यात्मभावित बुद्धि के द्वारा तथा अपनी सत्ता के स्वामी के साथ अपनी आत्मिक एकता के द्वारा इस मूल दोष आदि को क्षीण एवं निस्तेज करना होगा ।
As we gain in clarity and the turmoil of egoistic effort gives place to a calmer self - knowledge, we recognise the source of the growing light within us.
ज्यों ही हम चेतना में स्वच्छता प्राप्त करते हैं और अहंमय प्रयत्न अपना स्थान एक अधिक प्रशान्त आत्म - ज्ञान को दे देता है, त्यों ही हम अपने भीतर बढ़ते हुए प्रकाश के स्त्रोत को पहचान लेते हैं ।
The egoistic life, even if diminished in force and intensity, can still continue well enough with this support.
अहंमय जीवन इस अहंभाव का सहारा लेकर भी अपना काम काफी अच्छी तरह से चला सकता है, उसका बल और वेग भले ही कुछ कम हो जायें ।
The Purusha who is our real being is always independent and master of Prakriti and at this independence we are rightly seeking to arrive ; that is the utility of the egoistic movement and its self - transcendence, but its right fulfilment is not in making absolute the ego ' s principle of independent existence, but in arriving at this other highest poise of the Purusha with regard to its Prakriti.
पुरुष जो हमारी वास्तविक सत्ता है सदा ही प्रकृति से स्वतन्त्र और उसका स्वामी है और इस स्वतन्त्रता को प्राप्त करने के लिये हम जो यत्न कर रहे हैं वह समुचित ही है; अहं - प्रधान क्रिया - प्रवृत्ति और इसके स्व - अतिक्रमण का प्रयोजन भी यही है, परन्तु इसकी यथार्थ परिपूर्णता स्वतन्त्र अस्तित्व के अहंमय सिद्धान्त को चरम एवं निरपेक्ष रूप देने में नहीं है, बल्कि पुरुष और प्रकृति के परस्पर - सम्बन्ध की इस अन्य उच्चतम भूमिका को प्राप्त करने में है ।
It is difficult at first because our 64 The Yoga of Divine Works egoistic habits of thought, of sensation, of feeling block up the avenues by which we can arrive at the perception that is needed.
शुरू - शुरू में यह इसलिये कठिन होता है कि हमारे विचार, संवेदन एवं भाव - भावनाओं की अहंमूलक आदतें उन द्वारों को बन्द कर देती हैं जिनसे हमें अपेक्षित अनुभव प्राप्त हो सकता है ।
And these faculties are the light of a conscious existence superseding the egoistic and itself both cosmic and transcendent, the nature of which is Bliss.
ये शक्तियां एक ऐसे चेतन अस्तित्व का प्रकाश हैं जो अहंभावयुक्त अस्तित्व को लांघ जाता है और जो स्वयं वैश्व और परात्पर दोनों है, इसका स्वभाव है आनन्द ।