क्षात्रधर्म
बहादुरी/वीरता
मर्यादापूर्ण व्यवहार
Politesse
Knightliness
But the culture which flourished during the Rajput period was the culture of a warlike people in an age of chivalry.
किंतु राजपूतों के काल में, जिस संस्कृति का विकास हुआ, वह वीरता के युग में युद्धवादी लोगों की सस्कृति थी.
We have seen that from the beginning of the ninth century to the end of the tenth most of north India was under the rule of Rajput princes and under the influence of the romantic age, of chivalry.
हमने देखा है कि 9वीं शताब्दी के प्रारंभ से 10 शताब्दी के अंत तक अधिकांश उत्तर भारत राजपूत नरेशों के प्रशासन तथा युग की वीरतामय भावनात्मकता के प्रभाव में था.
The high fearlessness which no danger or difficulty can daunt and which feels its power equal to meet and face and bear whatever assault of man or fortune or adverse gods, the dynamic audacity and daring which shrinks from no adventure or enterprise as beyond the powers of a human soul free from disabling weakness and fear, the love of honour which would scale the heights of the highest nobility of man and stoop to nothing little, base, vulgar or weak, but maintains untainted the ideal of high courage, chivalry, truth, straightforwardness, sacrifice of the lower to the higher self, helpfulness to men, unflinching resistance to injustice and oppression, self - control and mastery, noble leading, warriorhood and captainship of the journey and the battle, the high self - confidence of power, capacity, character and courage indispensable to the man of action, these are the things that build the make of the Kshatriya.
उच्च कोटि की निर्भयता जिसे कोई भी भय - संकट या कठिनाई हतोत्साह नहीं कर सकती और जो मनुष्य या दैव के या प्रतिकूल देवताओं के चाहे किसी भी आक्रमण का सामना और मुकाबला करने तथा उसे सहने के लिये अपनी शक्ति को उसके समकक्ष अनुभव करती है, क्रियाशील दुःसाहसिकता एवं साहसपूर्ण पराक्रम जो किसी भी दुःसाहसिक अभियान या महाद्योग को असामर्थ्यजनक दुर्बलता एवं भय से मुक्त मानव - आत्मा की शक्तियों से परे न समझकर उससे कतराता नहीं, यश से प्रेम जो मनुष्य की परम उदात्तता के उच्च शिखरों को नाप सकता है और किसी भी क्षुद्र, निकृष्ट, नीच या दुर्बल वस्तु के आगे नहीं झुक सकता, बल्कि उच्च साहस, शूरवीरता, सत्य, सरलता, उच्चतर आत्मा पर निम्नतर स्व की बलि, मनुष्यों की सहायता अन्याय और अत्याचार का अडिग प्रतिरोध, आत्मसंयम और प्रभुत्व, महान् नेतृत्व, जीवनयात्रा और रणक्षेत्र के योद्धा और नायक का कर्म - इन सबके आदर्श को अकलंकित रूप में सुरक्षित रखता है, अपनी शक्ति एवं सामर्थ्य में तथा अपने चरित्र और साहस में उच्च कोटि का आत्मविश्वास जो कर्मवीर मनुष्य के लिये एक अनिवार्य गुण है, - ये ही तत्त्व क्षत्रिय की प्रकृति का निर्माण करते हैं ।
The fiercest animal passions raged throughout the land, redeemed only now and then by individual instances of devotion and chivalry which had not yet totally disappeared from the human bosom.
कभी - कभी व्यक्तिगत निष्ठा और शौर्य के दृष्टांतों से, जिनका अभी भी मानव - हृदय से पूरी तरह लोप नहीं हुआ था, इसकी क्षतिपूर्ति होती दिखायी देती थी ।
But the culture which flourished during the Rajput period was the culture of a warlike people in an age of chivalry.
किंतु राजपूतों के काल में, जिस संस्कृति का विकास हुआ, वह वीरता के युग में युद्धवादी लोगों की सस्कृति थी ।
As the musicians sing, they recall the old days of chivalry and romance and also praise the deities.
संगीतकार गीत गाते हुए पुराने जमाने की वीरता को याद करते हैं और देवताओं की स्तुति भी करते हैं ।
Perhaps because his novels have love, adventure and chivalry.
शायद इसलिए कि उनमें प्रेम, शौर्य और साहसिकता का वर्णन रहता है ।
Those were years of famine and plague, but it was more agreeable to let the mind dwell on the stories of chivalry his grandmother recounted of his forbears, than to burden it with news of monsoon failures.
लेकिन सूखे की खबर से अपने दिमाग का बोझ बढ़ाने की जगह मन को शौर्य की उन कहानियों मे रमाए रखना अधिक खुशगवार मालूम होता था जो उनकी नानी अपने पुरखों के बारे में सुनाया करतीं थीं ।
Northern France, Belgium and Sicily have large rod - puppets which perform stories of romances and chivalry such as the exploits of the knights who fought in the Crusades Christian Wars.
उत्तरी फ्रांस बैलजियम तथा सिल्ली में बड़ी - बड़ी दंड पुतलियां हैं, जो शौर्य एवं साहस की गाथाओं को प्रदर्शित करती हैं जिनमें धार्मिक ईसाई युद्धों में जौहर दिखाने वाले शूरवीरों की कहानियां प्रमुख होती हैं ।
We have seen that from the beginning of the ninth century to the end of the tenth most of north India was under the rule of Rajput princes and under the influence of the romantic age, of chivalry.
हमने देखा है कि 9वीं शताब्दी के प्रारंभ से 10 शताब्दी के अंत तक अधिकांश उत्तर भारत राजपूत नरेशों के प्रशासन तथा युग की वीरतामय भावनात्मकता के प्रभाव में था ।