प्यार की नदी मैं डूब रही वो कश्ती, जब तुमने चप्पू बन कर आये।

प्यार के आसमान से गिर रहा था एक घायल पंछी

तुमने दावा लगा दोबारा उड़ा दिया।प्यार की आग मैं जल ही चुका था विश्वास, जिससे पानी दे तुमने भुजा दिया।

मेरे हर अंधेरे की रोशनी बन कर तुम ऐसे वक़्त पे सामने आए की यह लफ्ज़ तुजे नाह ने कर सके।

ना जाने तु अलाह का बन्दा है या मेरी दोस्ती की दुआ का असर, मेरी किस्मत की चमक है या आसमान से गिरा हुआ तारा।
मेरे लिए मेरा फरिश्ता है तुजिसके कंधे पर सर रख स्कून मिले वो तकिया है तु,
जिसकी धड़कन मैं गीत सुनाई दे वो संगीत है तू,

मेरे लिए मेरी दुनिया है तु।

,

2



  2