सोचो कितनी खास हो..

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Shubham Pathak
Dec 07, 2019   •  0 views

मेरी पहली मोहब्बत हो तुम

मेरी पहली इबादत हो तुम

सोचों कितनी खास हो

तुम्हे पाने के लिए कितना रोया हूँ

जाने कितनी रातें न सोया हूँ

सोचों कितनी खास हो

तुझे मैंने खुदा से हर दर पे मांगा है

तेरे लिए न जाने कितनी रात जागा है

सोचों कितनी खास हो

मेरी जमीं हो तुम मेरा आसमान हो तुम

मेरी इज्जत मेरी शोहरत मेरा गुमान हो तुम।

सोचों कितनी खास हो

न जानें क्या चाहती किस ख्वाब में गुम हो

मेरे लिए तो बस तुम हो और तुम हो ।

सोचों कितनी खास हो

तू मेरा पहला और आखिरी प्यार है

मुझे हर पल हर घड़ी तेरा इन्तेजार है

सोचों कितनी खास हो ।

शुभम पाठक

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