मैं उसे चाहता रहा वो किसी और को चाहती रही
न उसे वो मिला न मुझे वो मिली
थक हार के दोनों अब बढ़ने लगे आगे
किस्मत के आगे दोनों की ना चली।
शुभम पाठक