माँ
महफ़ूज हूँ में तेरे आंचल में,
और डर लगता है तुझे खोने से,
हाँ आता है मुझे गुस्साा
पर तू भी तो समझ मेरानज़रिया,
हाँ करती हूँ में तुझसे ज़िद
और क्यूँ ना करुँ?
तुझसे ही तो है मेरी सारी उम्मीद,
मुश्किल के समय तुने दिया मेरा साथ,
तो कैसे ना थामती में तेरा हाथ?
तुझे ना देख सकूँ मैं रोता हुआ,
जब तू मांगे मेरे लिए खुदा से दुआ!