सामाजिक प्राणी होने के कारण मनुष्य को किसी न किसी के साथ की आवश्यकता जरूर होती है। संगति का प्रत्येक मनुष्य के जीवन में गहरा प्रभाव पड़ता है। अच्छी संगति से जहाँ व्यक्ति यश एवं कीर्ति कमाता है, वही बुरी संगति उसके पतन का कारण बनती है। किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का पता उसकी संगति से ही चल जाता है। कहते भी हैं कि किसी व्यक्ति का आचरण व्यवहार जानना हो तो उसके मित्रों का आचरण जान लो। यानी जिस व्यक्ति के मित्र अच्छे आचरण वाले होंगे वह वैसे ही आचरण को आत्मसात करेगा। इसी तरह जिस व्यक्ति के दोस्त दुष्ट एवं दुराचारी होंगे, वह निश्चित रूप से वैसा ही होगा।
कोई भी इंसान अपने संगति से ही जाना पहचाना जाता है। व्यक्ति पर संगति का असर जाने अनजाने में पड़ ही जाता है। ऐसे में प्रत्येक मनुष्य को विवेक प्राप्त करने के लिए संगति को अपनाना चाहिए यदि उसे अच्छे संस्कार और स्वच्छ परिवेश मिलता है तो वह कल्याण के मार्ग पर चलता है। यदि वह दूषित वातावरण में रहता है तो उसके कार्य भी उससे प्रभावित हो जाते हैं ऐसे में व्यक्ति को अपनी इच्छा कामना को नियंत्रण में रखने के लिए अपनी संगति सुधारने चाहिए। यदि मनुष्य अपने संगति सुधार ले तो उसका जीवन सुधर जाएगा संगति व्यक्ति को सदैव सत्कर्म एवं विकास के लिए प्रेरित करती है और समाज में उच्च स्तर प्रदान करती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि संगति व्यक्ति को स्वाभिमानी और उसे कठिन परिस्थितियों का सफलतापूर्वक सामना करने की शक्ति प्रदान करती है।