मेरी चुप्पी को खामोशी मत समझना,

मेरी दिल्लगी को मजबूरी मत समझना,

जिस दिन दोनों टूटेगें,

मुझे पाने के तेरे हौसले पस्त होने लगेंगे।

महक गुप्ता

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