एक गरीब महिला की ज़िंदगी

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Juhi Tomar
Apr 15, 2019   •  62 views

आज हमारे समाज मे गरीबी की समस्या इस कदर फैली है कि इस समस्या का कोई अच्छा सा समाधान नही निकलरहा है।

आज के युग मे देखा जाए तो लोग अपनी बेटियों को गन्दी नज़र वाले लोगो से बचाकर रखती है। जैसा कि अपने देखा ही होगा कि हर लड़की या महिला कहि पर भी खुद को सुरक्षित नही समझती है आफिस का काम करके जल्दी निकलना, देर रात को बाहर नही जाने देना आदि।

ऐसी ही एक वो ज़िंदगी है जहाँ गरीब महिला कितने तरह के दुख , शोषण, अत्यच्चार , और बलत्कार का शिकार होती है।उनके पास न रहने के लिए जगह होती है ना ही ढंग से पहने के लिए उनके पास वस्त्र ,न ही एक वक्त की रोटी नसीब हो पाती है। उनकी जिंदगी भी आम ज़िंदगी नही है ।

जब वो किसी से के सामने अपना आँचल फैलाकर भीख माँगती है तो लोग उसको अपने हाथों स छूहकर धकेल देते है या फिर उसको पैसो का लालच देकर उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करते है। लोग उनको पैसो का लालक्ज दिखाकर न जाने कितना उन पर अत्यच्चार करते हैं। जो गरीब महिलाये तो इन सबका शिकार ज्यादा स्तर पर होती है परंतु लोगो को इसलिए नही पता चल पाता है क्योंकि उसे रास्ते मे मांगने वाली भिखारी घोषित कर दिया जाता है।

कुछ पंक्तियों की लाइन कहना चाहूँगी:-

लूट लिया दुनियाँ ने उसे

माना उसके पास कुछ नही है
न घर है ,न पैसे है ,न कपड़ें है,
उसके पास उसका भगवान है ,इससे ज्यादा अमीरी की बात क्या है
लोगो से मांगा खाना खाने को
लोगो ने दे दिया पत्थर औऱ थप्पड़ उसको
लोगो से बोला साहब लगी हुई है प्यास मुझको
लोगो नेबुझा ली अपनी दरिंदगी की प्यास को
लोगो से बोला दे दो कपड़ा तन ढकने को
लोगो ने उसके तन को ही बेच खाया
वो बिचारि करती भी शिकायत किससे
क्योंकि ,था ही कोंन सुनने को उसकीयहां
जब मांगी थी लोगो से भीख अपनी इज़्ज़त की
तब तो थूक कर चले गए लोग उसपर
जब वो ना रही इस दुनियां में
तो लोगो की तब चेतना जागी
जब थी वो इस दुनियां में ,तो कर डाले सारे सितम उस पर
अब न होने देना किसी और के संग ,उसी वक्त उठा लेना शस्त्र।

सही ही कहा जब एक गरीब महिला अपने तन को ढकने के लिए वस्त्र मांगती है तो लोग तमाशा देख रहे होते है , और उसकी मददत करने के लिए कोई नही होता है क्योंकि वो गरीब होती है या फिर नीची जाट की जो लोग उसे कपड़ा नही दे सकते।

जो काम लोगो को पहले करना चाहिए तो लोग उस वक़्तगरीब महिलाये जब गर्वहति होती है तो उनके लिए सरकारी अस्तपताल क्यों न हो परंतु उनके पास पैसो न होने की वजह से कितनी महिला की मत्यु हो जाती है ,तो कितनी महिला बच्चे को जन्म सड़क पर ही दे देती है । आज हमे खुद पर शर्म आती है देश इतना बड़ा पर लोगो का दिल बहुत छोटा । लोग पैसों के जाल में इस कदर लालच भरे है कि उन्हें सामने वेस्ले के दर्द और ज़िन्दगी से कोई फर्क नही पड़ता।

आंखें खोलो और जिस देश मे रहकर सीना ठोकते हो उसके लिए दिल भी बड़ा रखो ताकि तुम्हे लोग याद करे कि तुमने किसी गरीब की मददत कर के पुन्य कमाया है। आँख ,कान सब बन्द कर लेते है और जब वो इस दुनियां से उठ जाती है तो लोग मज़ीद ,मंदिर, गिरजाघरों में मोमबत्ती लेकर जाते है अगर उसी वक़्त उसी महिला को मददत कर दी जाए तो शायदवो हम लोगो के साथ होती

गरीब महिलाये जब गर्वहति होती है तो उनके लिए सरकारी अस्तपताल क्यों न हो परंतु उनके पास पैसो न होने की वजह से कितनी महिला की मत्यु हो जाती है ,तो कितनी महिला बच्चे को जन्म सड़क पर ही दे देती है । आज हमे खुद पर शर्म आती है देश इतना बड़ा पर लोगो का दिल बहुत छोटा । लोग पैसों के जाल में इस कदर लालच भरे है कि उन्हें सामने वेस्ले के दर्द और ज़िन्दगी से कोई फर्क नही पड़ता।

आंखें खोलो और जिस देश मे रहकर सीना ठोकते हो उसके लिए दिल भी बड़ा रखो ताकि तुम्हे लोग याद करे कि तुमने किसी गरीब की मददत कर के पुन्य कमाया है

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Sundar Tomar  •  4y  •  Reply
Nice