जिंदगी आठ पीरियड्स में बँटी थी
गणित के उनमें से तीन थे
कुछ के लिए मजेदार तो
कुछ के लिए नामुमकिन थे
वो स्कूल के भी क्या दिन थे....
नजरें उस घंटी पर हुआ करती थी
लंच टाइम के प्लान्स अनेक थे
पूरा क्लासरूम महका देते थे
वो जो रंग बिरंगे से टिफिन थे
वो स्कूल के भी क्या दिन थे..
राम तेरा है रहीम तेरा
ये तो बस घर तक ही सीमित थे
रहीम की कहानी, रामायण का पाठ
मेरी किताब के दो अंग अभिन्न थे
वो स्कूल के भी क्या दिन थे..
वो एक पल में जो रूठ जाते थे
अगले पल सबसे करीब थे
वो समझदारी के कच्चे रिश्ते नहीं
नासमझ से दोस्त तीन थे
वो स्कूल के भी क्या दिन थे..
संडे की खुशी और मंडे का गम
हमने यही पर जाना है
संडे को जो चेहरे खिले खिले थे
मंडे को बेचारे उदासीन थे
वो स्कूल के भी क्या दिन थे..
वो फैंसी ड्रैस, वो डांस कॉम्पीटिशन
एकमात्र खुशी का ज़रिया थे
वो क्लास छोड़ धमाचौकड़ी मचाना
उद्देश्य चंचल थे पर जरा कठिन थे
वो स्कूल के भी क्या दिन थे..
फ्री पीरियड्स जीवन की लॉटरी थी
गेम्स पीरियड एकमात्र हक था
पर उनमें भी पाठ पढाते रहते
कुछ शिक्षक दयाहीन थे
वो स्कूल के भी क्या दिन थे ..
"जिंदगी का अर्थ बेफिक्री था
सफर का प्रायः स्कूल बस से था
चुनौती बस परीक्षा तक सीमित थी
बस यही हल्की फुल्की सी जिंदगी थी "