अतिप्राकृतिक
अलौकिक शक्ति
लोकातीत/अलौकिक
अलौकिक घटना
These poems give one an idea of eternity which may be understood in terms of individual soul and supernatural soul, but that is not the main aim of these poems, but it is merely a method of expression.
कविताये किसी अनन्त का बोध कराती है जिन्हे आत्मा परमात्मा के संबधो के रूप मे भी देखा जा सकता है, पर वह कविता का मूल प्रस्थान नही है, प्रकारान्तर ध्वनि है ।
This must also be said on the other hand that the placid beauty of these stories is marred by the tour deforce type of introduction of supernatural elements.
दूसरी ओर यह कहना भी उचित है कि इन कहानियों का शान्त सौन्दर्य अलौकिक तत्त्वों के समावेश की उग्रता से कुछ विक्षत हो जाता है ।
The existence of pure, unde - filed or supernatural matter visuddha sattva, aprakrta or anasrava rupa has been postulated in several systems and Kaviraj emphasised it as something essential for the understanding of matter.
अनेक दार्शनिक प्रणालियो मे शुद्ध दूषणरहित द्रव्य विशुद्ध सत्य, आप्रकातक अनाश्रव रूप के अस्तित्व की परिकल्पना की गयी है, और द्रव्य के स्वरूप को समझाने के लिए कविराज इसे आवश्यक मानते है ।
Alaukik Laukikata Formality with a supernatural Touch is one of his most remarkable stories of this period.
इस दौर में लिखी माणिक की एक अद्वितीय कहानी है अलौकिक लौकिकता ।
In the tradition of the Sanskrit drama, he also included a few supernatural characters and voices.
संस्कृत - नाट्य - परंपरा के अनुसार कुछ पराप्रकृतिक पात्र तथा स्वर भी जोड़े गए हैं ।
Though his Chaitanya - bhagavata contained many supernatural descriptions, it is valuable as a historical document for the early life of Chaitanya and also for many contemporary events.
चैतन्य भागवत में अनेक दैवी विवरण हैं फिर भी चैतन्य के आंरभिक जीवन और अनेक समकालीन घटनाओं के लिए भी यह ऐतिहासिक दस्वतावेज के रूप में मूल्यवान है ।
Of course, there are no deities or supernatural spirits
माना कि कोई देवता या अलौकिक शक्ति नही है
With its peculiar appeal, this queer doctrine with its promise of supernatural powers enjoyed a wide following for some time.
अलौकिक शक्तियों को प्राप्य बनाने वाला इसका विलक्षण सिद्धांत अपने विशेष आकर्षण के कारण कुछ समय तक व्यापक पैमाने पर अपनाया गया ।
In Ghose ' s powerful description it is not possible to draw any line between the natural and the supernatural: natural phenomena like rain are charged with supernatural glory.
घोष का वर्णन इतना शक्तिशाली है कि प्राकृतिक और दैवी में अंतर करना संभव नहीं है: वर्षा जैसी प्राकृतिक चीज़ भी दैवी हो उठती है ।
The more we understand life and nature, the less we look for supernatural causes.
जिंदगी और प्रकृति को हम जितना ज़्यादा समझते जाते हैं, उतना ही दैवी शक़्तियों पर हम कम ध्यान देने लगते हैं.