पुनर्जागरण काल
पुनर्जागरण
नवजागरण
नवजागरणकाल
Renascence
The Tamil renaissance was presently in full swing.
भाषा के पुनरोत्थान की प्रक्रिया अपने पूरे वेग में थी ।
Mr. Lakshmikantham refered to Mr. Sastry as a man of great scholarship and as one of those who contributed to Andhra renaissance '.
श्री लक्ष्मीकांतम् ने शास्त्री जी को एक महान् विद्वान् और आंध्र के पुनरुत्थान में योग देने वाले मनीषियों में से एक बताया है ।
The father of this Indian Cultural renaissance was Raja Rammohan Roy.
इस भारतीय सांस्कृतिक पुनर्जागरण के अगुआ थे राजा राममोहन राय ।
The Spring of Nanalal ' s conception was not just a seasonal phenomenon, but synonymous with renaissance something very close to a kindred spirit Shelley ' s a symbol of the spiritual regeneration of the world and mankind.
नानालाल की परिकल्पना का वसंत कोई मौसमी घटना नही था बल्कि पुनर्जागरण का द्योतक था - शैली की तीक्ष्ण आत्मा के क़रीब, विश्व और मानवता के आत्मिक नव - जीवन का प्रतीक ।
The rise of Indian English literature was an aspect of this Indian renaissance.
भारतीय अंग्रेज़ी साहित्य का उद्भव भी इसी भारतीय पुनर्जागरण का एक पक्ष था ।
There were many revolts for islam ' s renaissance in 19th and 20th century.
१९वीं और २०वीं सदी में इस्लाम में कई पुनर्जागरण आंदोलन हुए ।
The 19th century renaissance marks the real beginning of modern science in India.
भारत में विज्ञान का वास्तविक आरंभ 19वीं सदी के पुनर्जागरण के साथ हुआ ।
The new movement has been called the renaissance in Kannada poetry.
इस नये आंदोलन को कन्नड काव्य का पुनर्जागरण कहा गया है ।
Swami Vivekananda ' s advice to the Indians to awake, arise and stop not till the goal is reached went home and India entered the high noon of her modern renaissance, spurred on by eminent personalities like Raja Rammohun Roy, Swami Dayananda and Sri Aurobindo himself.
स्वामी विवेकानन्द के इस परामर्श से कि जागो, उठो और बढ़ते रहो, जब तक कि लक्ष्य तक न पहुँच जाओ भारत अपने पुनर्जागरण के चरमबिन्दु पर पहुँचा और इसे श्रेष्ठ व्यक्तित्वों, सर्वपल्ली राधाकृष्णन जैसे राजा राममोहन राय, स्वामी दयानन्द और श्री अरविन्द न प्रेरित किया ।
Though in his own, way Kerala Varma inaugurated certain aspects of the literary renaissance, to a certain extent he suffered under the pressure of tradition.
हालांकि केरल वर्मा ने अपनी तरह से साहित्यिक पुनर्जागरण के कतिपय पक्षों को उभारा, िफर भी कुछ हद तक वह परंपरा के दबाव से प्रभारित रहे ।