प्रकोप
आवेग
प्रक्षोभ
समुद्घात
Paroxysm refers to a sudden outburst.
उग्राक्षेप अचानक ठहाके को निर्दिष्ट करता है
The social reform movement, the prime moving force of his outburst of energy at the age of eighteen, had grown to huge proportions during all these intervening years, and Narmadashankar was playing a very active part in that movement too.
18 वर्ष की उम्र में पैदा हुई सामाजिक सुधार आंदोलन की ऊर्जा, इन बीच के वर्षो में काफी हद तक कढ़ गई थी और उस आंदोलन में नर्मदाशंकर भी सक्रिय रुप से हिस्सा ले रहे थे ।
Even worse, in 1997 when an Israeli woman distributed a poster of Muhammad as a pig, the American government shamefully abandoned its protection of free speech. On behalf of President Bill Clinton, State Department spokesman Nicholas Burns called the woman in question “ either sick or … evil” and stated that “ She deserves to be put on trial for these outrageous attacks on Islam. ” The State Department endorses a criminal trial for protected speech ? Stranger yet was the context of this outburst. As I noted at the time, having combed through weeks of State Department briefings, I “ found nothing approaching this vituperative language in reference to the horrors that took place in Rwanda, where hundreds of thousands lost their lives. To the contrary, Mr. Burns was throughout cautious and diplomatic. ”
आपराधिक मुकदमे की सहमति दे दी. इससे भी आश्चर्यजनक इस प्रकरण पर गुस्से का प्रसंग था. राज्य विभाग की अनेक सप्ताहों की प्रेस ब्रीफिंग को देखते हुए मुझे कभी नहीं लगा कि इसी प्रकार की गाली गलौज वाली भाषा का इस्तेमाल रवांडा की भयानकता के संदर्भ में हुआ हो जहां सैक़डों और हजारों लोगों ने अपनी जान गंवा दी. इसके विपरीत पूरे समय तक बर्न काफी सतर्क और कूटनीतिक बने रहे.
As this outburst shows, Narmadashankar ' s activities were not confined to the literary field only.
यह विस्फोट दर्शाता है कि नर्मदाशंकर की गतिविधियाँ केवल साहित्यिक क्षेत्र तक सीमित नही थी ।
The first of CALCUTTA CONGRESS - 1928 47 these was an outburst of revolutionary activities in North - ern India assassination of a British police officer who was responsible for the attack on Lala Lajpat Rai in 1928 and the throwing of a bomb inside the Assembly Chamber in Delhi by Bhagat Singh and Batukeswar Dutt.
इनमें से पहली थी उत्तर भारत में क्रांतिकारी कार्रवाइयों का विस्फोट - लाला लाजपत राय पर सांघातिक आक्रमण के लिए जिम्मेदार ब्रिटिश पुलिस अफसर की हत्या और भगत सिंह तथा बटुकेश्वर दत्त द्वारा नेशनल असेंबली, दिल्ली में बम का धमाका.
The instances are: Lava telling that he is Valmiki ' s son act IV ; Lava naturally siding with Janaka in his angry outburst against Rama act IV. 24a, and, in his own innocent way, finding fault with Rama ' s acts of valour act V. 32, 34 ; Sumantra ' s feeling that had Rama seen the valour of the unknown boy Lava, his heart would have melted with affection act V ; the detached explanation that Kusha gives of the tears in the eyes of Rama act VI. 30 ; the reactions of Rama witnessing the dramatic show till true realisation comes act VII.
इसके उदाहरण हैं - लव का यह कहना कि वह वाल्मीकि का बेटा है अंक4, राम के विरुद्ध क्रोधपूर्ण उद्गार के समय लव का जनक के पक्ष में रहना अंक 5, 32, 34, सुमंत्र का यह सोचना कि यदि राम ने इस अज्ञात बालक लव की वीरता को देखते तो उनका हृदय स्नेह से द्रवित हो जाता अंक5, राम के अश्रुओं के विषय में कुश का वीतरागी स्पष्टीकरण अंक 6, 30, गर्भनाटक को देखते समय राम की तब तक की प्रतिक्रियाएँ जब तक कि वास्तविकता का ज्ञान नहीं होता अंक7 ।
It is more reasonable, therefore to seek the cause of Bhavabhuti ' s impassioned outburst in personal circumstances.
इसलिए भवभूति के भावकुतापूर्ण उद्गारों का कारण उनके व्यक्तिगत जीवन में खोजना ही अधिक तर्कसंगत होगा ।
Another Chuar outburst occurred from 1795 to 1816.
सन् 1795 और 1816 के बीच चुआरों का दूसरा विद्रोह चला ।
Singhal ' s outburst last week thus reflects the sentiments of hardliners in the party who find themselves ideologically closer to the RSS in the BJP ' s post - 1999 phase.
पिछले हते सिंघल की नाराजगी से पार्टी में कट्टंरपंथियों की भावनाएं ही ज्ह्लकती हैं, जो भाजपा के 1999 के बाद के दौर में खुद को वैचारिक तौर पर आरएसएस के ज्यादा नजदीक पाते हैं.
These concluding years of his ' mainly consisted of his daily worship and adoration of the Lord Jagarmatha and. outburst of religious ecstasies.
इन वर्षो में अधिकांश समय भगवान जगन्नाथ की दैनंदिन पूजा - स्तुति और धार्मिक भावाकुलता के उफान में व्यतीत हुआ ।