महत्व
क्षण
पल
लम्हा
Inconsequence
The moment he became aware of the situation and willed to avert it, there appeared a Being of Light, who, taking hold of the situation, instantly put the carriage on the safe track.
जैसे ही उन्हें उस स्थिति का आभास हुआ और उन्होंने अपने मन में संकट दूर करने की बात सोची, वहाँ एक दिव्य ज्योति प्रकट हुई, जिसने स्थिति पर काबू पा लिया और सवारी को सुरक्षित मार्ग पर ला खड़ा कर दिया ।
Whereas you watch at that moment!
और तुम उस वक्त पड़े देखा करते हो
At the moment she felt helpless, and she concentrated her energies on patching up the differences between the rival groups in the court.
उस समय, उन्होने अपने आपको असहाय महसूस किया, और उन्होंने अपनी शक्तियां दरबार के दो प्रतिद्वन्द्वी गुटों के मतभेद को दूर करने में केन्द्रित कीं ।
If you are patient in one moment of anger, you will escape a hundred days of sorrow.
यदि आप ग़ुस्से के एक क्षण में धैर्य रखते हैं, तो आप दुःख के सौ दिन से बच जाएंगे.
We do whatever is typed on the keyboard to the CPU reaches and engaged in a variety of components - components through the moment appears on the VDU.
कुंजीपटल पर हम जो कुछ भी टाइप करते हैं वह में पहुँचता है और उसमें लगे विभिन्न प्रकार के संघटक - पुर्जों के माध्यम से उसी क्षण पर दिखाई देता है ।
The Indian democracy did not falter for a moment.
भारतीय लोकतंत्र एक पल के लिए भी नहीं डगमगाया ।
For every individual being is the Self, the Divine in spite of the outward limitations of the mental and physical form through which it presents itself at the actual moment, in the actual field of space, in the actual succession of circumstances that make up the web of inner state and outward action and event through which we know the individual.
कारण, प्रत्येक व्यक्ति वास्तव में आत्मा एवं भगवान् ही है, भले ही वह अपने मानसिक और शारीरिक रूप के उन बाह्म बन्धनों से जकड़ा हुआ हो जिनके द्वारा वह काल - विशेष एवं देश - विशेष में, व्यक्ति को जानने के लिये उपयोगी आन्तरिक अवस्था एवं बाह्म क्रिया और घटना के जाल का निर्माण करनेवाली परिस्थितियों की किसी विशेष शृंखला में अपने - आपको प्रकट करता है ।
Niru was observing his actions, but the moment their eyes met, she turned her face away.
नीरू देख रही थी, नजर मिलते ही उसने चेहरा घुमा लिया ।
Every product being an aspect of the supreme prakrti in which it exists somehow involved and identified as an eternal moment, creation out of nothing and annihilation is an absurdity.
प्रत्येक वस्तु सर्वोच्च प्रकृति का ही एक रूप है होती है जिसमे वह किसी प्रकार एक शाश्वत क्षण के रूप मे अविस्थत रहती है, शून्य से सृष्टि एंव प्रलय की कल्पना हास्यापद है ।
We may, therefore, for the moment, leave out of consideration these important matters and come down to the immediate issue.
4. इसलिए अभी हाल तो हम इन महत्त्वपूर्ण बातों का विचार छोडकर तात्कालिक प्रश्न पर ही आयें ।