उत्पादक
Procreative
Reproductive
generative cell lies with in pollen grain
उत्पादक कोशिका पराग अनाज के साथ होती हैं ।
pollen grain up on first division give rise to generative nucleus
पहले विभाजन पर पराग अनाज उत्पादक नाभिक को उभार देता है ।
We have to see Him as one Existence, Being gathered in itself and Being displayed in all existences ; as one Consciousness concentrated in the unity of its existence, extended in universal nature and many - centred in innumerable beings ; one Force static in its repose of self - gathered consciousness and dynamic in its activity of extended consciousness ; one Delight blissfully aware of its featureless infinity and blissfully aware of all feature and force and forms as itself ; one creative knowledge and governing Will, supramental, originative and determinative of all minds, lives and bodies ; one Mind containing all mental beings and constituting all their mental activities ; one Life active in all living beings and generative of their vital activities ; one substance constituting all forms and objects as the visible and sensible mould in which mind and life manifest and act just as one pure existence is that ether in which all Conscious - Force and Delight exist unified and find themselves variously.
हमें उनका साक्षात्कार इस रूप में करना होगा कि वे एकमेव सतता हैं, ऐसे सत् हैं जो अपनी सत्ता में समाहित हैं और साथ ही सब सत्ताओं में प्रकट भी हो रहे है; वे एक ऐसी एकमेव चेतना हैं जो अपनी सत्ता की एकता में एकाग्र है, विश्व - प्रकृति में फैली हुई है तथा अगणित जीवों में अनेक केन्द्रों के रूप में विद्यमान है; वे एक ऐसी एकमेव शक्ति हैं जो अपनी आत्मा - समाहित चेतना की विश्रान्ति में स्थितिशील है और अपनी विस्तृत चेतना की सक्रियता में गतिशील; वे एक ऐसा एकमेव आनन्द हैं जो अपनी अलक्षण अनन्तता से आनन्दमय रूप में सचेतन है तथा समस्त लक्षणों, शक्तियों और रूपों को अपनी सत्ता जानता हुआ उनसे भी आनन्दमय रूप में सचेतन है; वे एक ही सर्जनशील ज्ञान एवं शासक संकल्प हैं जो अतिमानसिक है, तथा सब मनों, प्राणों और शरीरों को उत्पन्न एवं निर्धारित करता है; वे एक ही विराट् मन हैं जो सब मनोमय सत्ताओं को अपने अन्दर समाये हैं और उनकी सब मानसिक क्रियाओं का गठन करता है; वे एक ही विराट् प्राण हैं जो सभी सजीव सत्ताओं में क्रियाशील है तथा उनकी प्राणिक क्रियाओं का जनक है; वे एक ही उपादान - तत्त्व हैं जो सब रूपों तथा पदार्थों को एक ऐसे प्रत्यक्ष एवं इन्द्रियगोचर सांचे के रूप में निर्मित करता है जिसमें मन और प्राण व्यक्त होते तथा कार्य करते हैं, जिस प्रकार कि एकमेव शुद्ध सत्ता वह आकाशतत्तव है जिसमें समस्त चिन्मय - शक्ति और आनन्द एक होकर रहते हैं तथा अपने - आपको नाना रूपों में प्राप्त करते हैं ।
I arn, therefore, strongly in favour of teaching young boys and girls, the significance and right use of their generative organs.
इसलिए मेरा यह दृढ मत है कि नौजवान लड़के - लड़कियों को उनकी जन्नेद्रियों का महत्व और उचित उपयोग सिखाया जाय ।
the generative nucleus develop in to sperm
शुक्राणु में विकसित उत्पादक नाभिक ।
reproduction by special generative tissues without fertilization.
खास निर्माणक्षम कोशिकाओं के द्वारा फलन के बगैर ही पुनरूत्पादन होना ।