लाभदायकता
Thus there grew up between the motherless boy and this childless lady a warm affection and friendship which satisfied and sublimated the pent - up, chaotic yearnings of his adolescence and warmed his wayward genius into fruitfulness.
इस प्रकार एक मातृहीन बालक और एक संतानहीन महिला के बीच एक प्रगाढ़ स्नेह बंधन और सौहार्द्र पैदा हुआ जिसने एक उच्छृंखल बालक को आश्वस्त और उदात्त किया और साथ ही उसकी किशोरावस्था की अंधी तलाश और सनकी प्रतिभा को सींचते हुए उसे फलप्रसू बनाया.
Thus there grew up between the motherless boy and this childless lady a warm affection and friendship which satisfied and sublimated the pent - up, chaotic yearnings of his adolescence and warmed his wayward genius into fruitfulness.
इस प्रकार एक मातृहीन बालक और एक संतानहीन महिला के बीच एक प्रगाढ़ स्नेह बंधन और सौहार्द्र पैदा हुआ जिसने एक उच्छृंखल बालक को आश्वस्त और उदात्त किया और साथ ही उसकी किशोरावस्था की अंधी तलाश और सनकी प्रतिभा को सींचते हुए उसे फलप्रसू बनाया ।
The man of productive mind and work must have an open inquiring mind and ideas and knowledge, otherwise he moves in the routine of his functions without expansive growth, must have courage and enterprise, must bring a spirit of service into his getting and production, in order that he may not only get but give, not only amass and enjoy his own life, but consciously help the fruitfulness and fullness of the surrounding life by which he profits.
उत्पादन - सम्बन्धी मनोवृत्ति और कार्यप्रकृति रखनेवाले मनुष्य में खुला और जिज्ञासाशील मन, विचार - समूह और ज्ञान होना चाहिये, अन्यथा वह विस्तारशील विकास के बिना अपने दैनिक कार्य - व्यापार के सीमित घेरे में ही विचरण करता रहेगा, उसमें साहस और बड़े कार्य का बीड़ा उठाने की वृत्ति भी होनी चाहिये, अपने उपार्जन और उत्पादन के कार्य में सेवा की भावना लानी चाहिये, ताकि वह केवल उपार्जन ही न करे, बल्कि दान भी कर सके, केवल बटोर करके अपने जीवन के सुखों का ही उपभोग न करे, अपितु अपने चारों ओर के जीवन की, जिससे वह लाभ उठाता है, फलशालिता और पूर्ण समृद्धता में सचेतन रूप से सहायता पहुंचाये ।
Only when the heart, the will and the mind of knowledge associate themselves with the law and gladly follow it, can there come the deep joy and the happy fruitfulness of divine sacrifice.
दिव्य यज्ञ का गम्भीर आनन्द और मंगलमय फल तो तभी उपलब्ध हो सकते हैं जब हृदय, संकल्प और ज्ञानात्म्क मन अपने - आपको इस विधान से सम्बद्ध करके इसका हर्षपूर्वक अनुसरण करें ।