वीरकथा
भव्य
महाकाव्योचित
महाकाव्य
महाकाव्यीय
Epos
Larger-than-life
Epical
And then, as he was coming out of Poresh Babu ' s door, he saw Lolita and thought that at this moment of final farewell 285 he should admit a grave misdemeanour and offer an epic explanation of his earlier conduct.
इसके बाद ही परेश बाबू की देहरी पार करते ही जब उसने ललिता को देखा तब उसने सोचा, ललिता से अन्तिम विदा के इस क्षण में अपना भारी अपराध स्वीकार के और अपमनित होकर पिछले परिचय का एक समाधान कर देना चाहिए ।
An interesting point about the book is that it was published in Calcutta, with the help of donations, and the list of donors given on the last page includes the names of Rammohun Roy and Dwaraknath Tagore. 32 In his Biographical Sketches of Dekkan Poets, Ramaswami also gives a competent translation in heroic couplets of passages from Vasu Charitra, a Telugu epic by the sixteenth - century poet, Bhattu Murti.
किंतु इस पुस्तक के बारे में एक दिलचस्प बात यह है कि पुस्तक का प्रकाशन कलकत्ता में कई लोगों से प्राप्त दान द्वारा हुआ था तथा पुस्तक के अंत में दी गयी दानदाताओं की सूची में राममोहन राय तथा द्वारकनाथ टैगोर के नाम भी थे ।
When Bhai Vir Singh wrote ' Rana Surat Singh ', he modelled his long poem of epic dimensions oa Milton ' s ' Paradise Lost ', and he was a success, because he did make a deliberate effort to achieve his ideal.
जब भाई वीरसिंह ने राणा सूरतसिंह लिखा तो उन्होंने प्रबंध - काव्यात्मक अपनी लम्बी कविता मिल्टन के पैराडाइज लॉंस्ट के अनुरूप लिखी और उसमें वे सफल भी हुए क्योंकि अपने आदर्श को पाने की उन्होंने पूरी कोशिश की थी ।
As this outline indicates, ' Savitri ' is not just another imitative and stale exercise in the western epic mode ; it is an utterly unconventional, highly original and deeply philosophical Hindu epic in which Sri Aurobindo has ' metred the rhythm - beats of eternity '.
जैसाकि इस रूपरेखा से संकेत किलता है, सावित्री अन्य महाकाव्यों की तरह केवल पाश्चात्य महाकाव्यों की धूमिल एवं बासी अनुकृति ही नहीं है ; वह पूर्णरूपेण आधुनिक बहुत ही मौलिक तथा गहन दार्शनिकता युक्त ऐसा हिन्दू महाकाव्य है जिसमें श्री अरविंद ने सनातन की ताल - भंगिमा को छंदोबद्ध किया है ।
By his own efforts he continued the study and at a later stage astounded contemporary scholars like Punnassery Nampi Neelakandha Sarma of Malabar by his profound mastery of the great epic.
बाद में स्वयं के प्रयत्नों से उन्होंने महाभारत का अध्ययन जारी रखा और बाद में एक दिन उन्होंने इस महाकाव्य के अपने गहन अध्ययन से तत्कालीन मलाबार के पुन्नशेरी नम्बी नीलकंठ शर्मा जैसे विद्वान् को आश्चर्य - चकित कर दिया ।
Epic Ballads: These are based on Hindu mythology and leave a lasting impression on the folk.
महाकाव्यात्मक गाथागीतः ये पौराणिक कथाओं पर आधारित होते हैं और इसी कारण से जममानस पर स्थायी उत्पन्न करने में सफल होते हैं ।
The subjects of the Indian painters were often taken from Hindu epic mythologythe stones of the Ramayana and Mahabharata, the legends about Sri Krishna, the personifications of musical tunes ragas and raginis but rarely from the lives of the common people.
भारतीय चित्रकारों के विषय अक्सर हिंदू पौराणिक महाकाव्यों, रामायण, महाभारत की कहानियों, श्री कृष्ण से संबंधित कल्पित कथाओं, संगीत के रागों की अभिव्यक्ति राग - रागिनी से लिये जाते थे, कितु आम जनता के जीवन से उनका बहुत कम संबंध रहता था ।
Featured in the epic, the Mahabharata, this is the place where Bheema killed the villainous Keechaka in a heroic attack and then threw him into the valley.
महाभारत ग्रंथ में इस स्थान का उल्लेख है जहां भीम ने एक आक्रमण में विशालकाय कीचक को मार गिराया और उसे घाटी में फेंक दिया ।
This aspect has also to be examined in the light of the ' Mohini ' concept that developed in the performance tradition of Kerala and was adapted in Kathakali, in the Lalitha - Putana transformation in Putanamoksham, Vishnu - Mohini transformation in the many epic tales connected with Amritamadhanam, story of the birth of Lord Sasta, Bhasmasura myth, Rugman - gada myth, etc.
यही धारणा ललित - पूतना के परिवर्तित रूप पूतना मोक्षम्, विष्णु मोहिनी से संबंधित महागंथों की कहानियों में, जो अमृतमंथन से संबंधित है या श्री शास्ता के जन्म या भस्मासुर या रुग्मांगदा की कहानियों में देखी जा सकती है ।
In this epic of more than twelve thousand lines his genius and his ultimate concerns are more authentically expressed than anywhere else.
बारह हजार से अधिक पंक्तियों के इस महाकाव्य में उनकी विद्वता एवं प्रमुख चिन्ताएँ कहीं दूसरी जगहों की अपेक्षाकृत अधिक अधिकार - पूर्ण ढंग से अभिव्यक्त हुई हैं ।