लागू करना
When we were fighting for Independence, we did so because of our firm conviction that no country had the right to rule over another country and, I think, even at that time we believed that no group in a country has the right to enforce its will or, to mould others in its own image or in what it considers to be right.
जब हम स्वाधीनता का संग्राम चला रहे थे तो हमने उसे इस दृढ़ आस्था के कारण चलाया था कि किसी भी देश को किसी अन्य देश को प्रशासन करने का केई अधिकार नहीं है और मैं सोचती हूं कि उस समय भी हमारी यह मान्यता थी कि किसी देश के अन्दर किसी समुदाय को भी इच्छा किसी अन्य समूह पर लादने या औरों को अपने विचारों के सांचे में, या जिसे हम सही समझें उस ढंग से, ढालने का अधिकार नहीं है ।
This good will may appear surprising, given the two movements ' profound differences. Communists are atheists and leftists secular ; Islamists execute atheists and enforce religious law. The Left exalts workers ; Islamism privileges Muslims. One dreams of a worker ' s paradise, the other of a caliphate. Socialists want socialism ; Islamists accept the free market. Marxism implies gender equality ; Islamism oppresses women. Leftists despise slavery ; some Islamists endorse it. As journalist Bret Stephens notes, the Left has devoted “ the past four decades championing the very freedoms that Islam most opposes: sexual and reproductive freedoms, gay rights, freedom from religion, pornography and various forms of artistic transgression, pacifism and so on. ”
यह अच्छाई कुछ मात्रा में आश्चर्यजनक लग सकती है विशेषकर दोनों आन्दोलनों की व्यापक भिन्नता देखते हुए । कम्युनिष्ट नास्तिक हैं और वामपंथी सेकुलर, जबकि इस्लामवादी नास्तिकों को मृत्युदण्ड देते हैं और धार्मिक कानून को लागू करते हैं । वामपंथी मजदूरों को सम्मान देते हैं जबकि इस्लामवाद मुसलमानों को विशेषाधिकार देता है । एक का स्वप्न मजदूरों का स्वर्ग है तो दूसरे का खिलाफत । समाजवादी समाजवाद चाहते हैं जबकि इस्लामवादी उन्मुक्त बाजार को स्वीकार करते हैं । मार्क्सवाद लैंगिक समानता को स्वीकार करता है जबकि इस्लामवाद महिलाओं का उत्पीडन करता है । वामपंथी गुलामी की निन्दा करते हैं जबकि कुछ इस्लामवादी इसका समर्थन करते हैं । जैसा कि ब्रेट स्टीफेंस ने लिखा है कि, “ वामपंथियों ने पिछले चार दशक उन स्वतंत्रताओं के लिये लगाये हैं जिनका अधिकतर इस्लाम विरोध करता है - सेक्स सम्बन्धी और जनन सम्बन्धी स्वतंत्रता, गे अधिकार, धर्म से स्वतंत्रता, पोर्नोग्राफी और अनेक प्रकार की कलात्मक अतिवादी स्वतंत्रता आदि” ।
Perhaps the only alternative were either to enforce control through armed strength or to unify the population through a common set of beliefs.
शायद केवल दो ही विकल्प उपलब्ध ते जिनके अनुसार या तो सैन्य शक्ति द्वारा नियंत्रण रखना था या सर्वमान्य आस्था के आधार पर जनता को एक सूत्र में बांधना था ।
They say, when they get control over the State they will enforce equality.
उनका कहना है कि राजयसत्ता पाने पर वे लोगों से समानता के सिद्वान्त पर अमल करवायेंगे ।
What we have done to enforce through these ordinances is that if, as a result of wage revision, the workers become entitled to some increase in the emoluments, such increase should be deposited in a special account carrying a special rate of interest.
इन अध्यादेशों के जरिए हमारा प्रयास यह रहा है कि वेतनों में संशोधन होने पर श्रमिकों को जो अतिरिक्त पैसा मिले उसे एक विशेष खाते में जमा करा दिया जाए, जिस पर उसे विशेष ब्याज मिलेगा ।
Please enter the program to switch to enforce mode:
बाध्यकारी मोड में स्विच करने के लिए कृपया प्रोग्राम को प्रविष्ट करें:
Anti satist were in a form where their views are for that India which is not subjugated under any government. Their idea were that in one nation self rule means that every person is the administration for themselves and no government can enforce laws on them. During some instances they ' ve called themselves as philosophical anarchist. In their understanding a independent India existence is due to the thousands small self - dependent communities who without causing troubles to others govern themselves. It didn ' t mean that they wanted the Administrative body established by the Britishers to be nationalized for which they said India is to be made England. Not being fluent with British type of parliament after independence caused them to dissolve the congress party to establish direct democracy.
गाँधी राज विरोधी उस रूप में थे जहाँ उनका दृष्टिकोण उस भारत का हैं जो कि किसी सरकार के अधीन न हो. उनका विचार था कि एक देश में सच्चे स्वशासन का अर्थ है कि प्रत्यक व्यक्ति ख़ुद पर शासन करता हैं तथा कोई ऐसा राज्य नही जो लोगों पर कानून लागु कर सके. कुछ मौकों पर उन्होंने स्वयं को एक दार्शनिक अराजकतावादी कहा है. उनके अर्थ में एक स्वतंत्र भारत का अस्तित्व उन हजारों छोटे छोटे आत्मनिर्भर समुदायों से है जो बिना दूसरो के अड़चन बने ख़ुद पर राज्य करते हैं. इसका यह मतलब नही था कि ब्रिटिशों द्वारा स्थापित प्रशाशनिक ढांचे को भारतियों को स्थानांतरित कर देना जिसके लिए उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान को इंगलिस्तान बनाना है. ब्रिटिश ढंग के संसदीय तंत्र पर कोई विश्वास न होने के कारण वे भारत में आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी को भंग कर प्रत्यक्ष लोकतंत्र प्रणाली को स्थापित करना चाहते थे.
If you think you have been discriminated against in an area where race discrimination has been outlawed, you can enforce your rights in a County or Sheriff ' s Court.
अगर आप ऐसा सोचते हैं कि आपके साथ किसी ऐसे क्षेत्र में भेदभाव किया गया है जहाँ पर नस्ली भेदभाव को विधि बहिष्कृत कर दिया गया हो, तो आप काँऊटी या शेरिफ की अदालत में अपने अधिकारियों का उपयोग कर सकते हैं । भाष् ;
So the Government of India had no reason to revise its educational and cultural policy, which had been one of the causes of the Revolt of 1857, but decided to enforce it more systematically and thoroughly with the help of a large section of Indians.
इसलिए भारत सरकार के पास उनकी शैक्षणिक और सांस्कृतिक नीति को संशोधित करने का कोई कारण नहीं रहा, जो कि 1857 के विद्रोह का एक कारण था, बल्कि बड़ी संख़्या में भारतीयों की सहायता से उसे और सुव्वस्थित ढ़ग से अच्छी तरह कार्यान्वित करने का निश्चय किया.
In the name of those people we asserted their right to freedom and to decide for themselves what they should do and what they would not do ; we challenged the right of any other authority, by whomsoever constituted, to deprive them of this right and to enforce its will upon them.
हमने इस जनता की ओर से क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, यह खुद निर्णय करने के अधिकार पर जोर दिया ; हमने उस हुकूमत को चुनौती दी, जो जनता के इस अधिकार को छीनती है और अपनी मनमानी उस पर लादती है ।