Meaning of Apostasy in Hindi - हिंदी में मतलब

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Ayush Rastogi
Mar 07, 2020   •  0 views
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Synonyms of "Apostasy"

"Apostasy" शब्द का वाक्य में प्रयोग

  • The colic, stated by Sekkizhaar to be a penalty for apostasy to Caivism, was, in my opinion, in reality, a just penalty paid for betrayal of the guru and his teachings.
    सैक्किजार के अनुसार उदरशूल उनके लिए शैवधर्म का विरोध करने का एक दण्ड़ था, किन्तु मेरे विचार में यह केवल गुरु और उनके द्वारा दी शिक्षा के साथ विश्वासघात करने का फल था ।

  • In Jalgaon, he said there is no harm in apostasy.
    उसके बाद जलगांव पहुंचने पर उन्होंने अस्पृश्यों से कहा, धर्मांतर करने में कोई हरकत नहीं है ।

  • The planned building for the Abu Dhabi Islamic Bank, one of the world ' s largest no - interest financial institutions. Reformist Muslims must do better than their medieval predecessors and ground their interpretation in both scripture and the sensibilities of the age. For Muslims to modernize their religion they must emulate their fellow monotheists and adapt their religion with regard to slavery and interest, the treatment of women, the right to leave Islam, legal procedure, and much else. When a reformed, modern Islam emerges it will no longer endorse unequal female rights, the dhimmi status, jihad, or suicide terrorism, nor will it require the death penalty for adultery, breaches of family honor, blasphemy, and apostasy.
    सुधारवादी मुसलमानों को अपने मध्यकालीन पूर्वजों से अच्छा करना होगा और अपनी व्याख्या धर्मग्रंथों और युगानुकूल संवेदना के संदर्भ में करनी होगा । यदि मुसलमान अपने मजहब को आधुनिक बनाना चाहते हैं तो उन्हें गुलामी, ब्याज, महिलाओं के साथ व्यवहार, इस्लाम को छोडने के अधिकार, कानूनी प्रक्रिया सहित अन्य मामलों में अपने साथी एकेश्वरवादियों का आचरण पालन करना होगा । जब एक सुधरा हुआ आधुनिक इस्लाम विकसित होगा तो यह महिलाओं के साथ असमानता का अधिकार, धिम्मी स्तर, जिहाद, आत्मघाती आतंकवाद सहित विवाहेतर सम्बन्धों के लिये मृत्युदंड, पारिवारिक सम्मान के लिये घात, ईशनिंदा और धर्म छोडने जैसे विषय समाप्त कर देगा ।

  • Under that Section, the husband can seek divorce on grounds of adultery on the part of his wife and the wife can seek divorce on the ground that the husband has become convert to another religion and has gone through marriage with another woman or has been guilty of a incestuous adultery, b bigamy with adultery, c marriage with another woman with adultery, d rape, sodomy or bestiality, e adultery coupled with such cruelty as without adultery would have entitled her to a divorce, a mensa etoro a system of divorce created by the Roman Catholic Church equivalent to judicial separation on grounds of adultery, perverse practices, cruelty, heresy and apostasy and f adultery coupled with desertion without reasonable excuse for two years or more.
    इस धारा के अनुसार कोई पति इस आधार पर विवाह विच्छेद की मांग कर सकता है कि पत्नी जारकर्म की दोषी है, किंतु पत्नी इस आधार पर विवाह विच्छेद की मांग कर सकती है कि उसका पति धर्म परिवर्तन करके दूसरे धर्म को मानने लगा है और उस विवाह विच्छेद पीछला पेज होम पेज अगला पेज पीछला पेज होम पेज अगला पेज के लिए हकदार बना देती है - ए मेन्सा एटोरो यह रोमन चर्च द्वारा बनाई गई विवाह - विच्छेद की एक ऐसी पद्घति है जो जारकर्म, दोषपूर्ण आचरण, क्रूरता, धर्मद्रोह, धर्म विमुखता के आधारों पर न्यायिक पृथक्करण के समकक्ष है और च दो वर्ष या इससे अधिक समय से युक्तिसंगत कारण के बिना परित्याग सहित जारकर्म का दोषी है ।

  • In accordance with the Sharah apostasy from Islam he was put to death.
    शरीयत के मुताबिक, धर्मत्याग के लिए उसे मौत की सजा दे दी गई ।

  • The challenge ahead is clear: Muslims must emulate their fellow monotheists by modernizing their religion with regard to slavery, interest and much else. No more fighting jihad to impose Muslim rule. No more endorsement of suicide terrorism. No more second - class citizenship for non - Muslims. No more death penalty for adultery or “ honor” killings of women. No more death sentences for blasphemy or apostasy.
    आगे की चुनौती स्पष्ट हैः मुसलमानों को अपने धर्म को आधुनिक बनाने में गुलामी, ब्याज और साथ ही कुछ अन्य मामलों में अपने साथी एकेश्ववरवादियों का पालन करना चाहिये । मुस्लिम शासन थोपने के लिये जिहाद के युद्ध को अब ना कहा जाये । आत्मघाती आतंकवाद को समर्थन न दिया जाये । गैर मुस्लिम के लिये अब द्वितीय श्रेणी की नागरिकता न रहे । व्यभिचार के लिये मृत्यु दंड न हो और महिलाओं की “ आनर किलिंग” न हो । ईशनिंदा के लिये या धर्मपरिवर्तन के लिये अब मृत्यु दण्ड न हो ।

  • Third reflection: the Muslim uproar has a goal: to prohibit criticism of Islam by Christians and thereby to impose Shariah norms on the West. Should Westerners accept this central tenet of Islamic law, others will surely follow. Retaining free speech about Islam, therefore, represents a critical defense against the imposition of an Islamic order. Related Topics: Freethinking & Muslim apostasy receive the latest by email: subscribe to daniel pipes ' free mailing list This text may be reposted or forwarded so long as it is presented as an integral whole with complete and accurate information provided about its author, date, place of publication, and original URL. Comment on this item
    तीसरा प्रतिबिम्ब - इस मुस्लिम प्रतिक्रिया का एक उद्देश्य है ईसाइयों द्वारा इस्लाम की आलोचना को प्रतिबन्धित करते हुये पश्चिम पर शरियत के नियमों को थोपना. क्या पश्चिमवासियों को इस्लामी कानून के इस मुख्य विचार को स्वीकार कर लेना चाहिये जिसके बाद और भी इसका अनुकरण करेंगे. इस्लाम के सम्बन्ध में स्वतन्त्र अभिव्यक्ति इस्लामी व्यवस्था के थोपे जाने के विरूद्ध एक महत्वपूर्ण बचाव है.

  • Comment: That the video has some connection to the attack does not reduce the Obama administration ' s culpability for the what followed that night. Related Topics: Freethinking & Muslim apostasy, US policy receive the latest by email: subscribe to daniel pipes ' free mailing list This text may be reposted or forwarded so long as it is presented as an integral whole with complete and accurate information provided about its author, date, place of publication, and original URL. Comment on this item
    पश्चिमी संस्कृति संतुलन की स्थिति में है: सूचना सम्प्रेषण के विस्तार और मध्य पूर्व सरकारों की कमजोर स्थिति के चलते इस्लामवादी आकाँक्षायें बढ रही हैं और इसने पश्चिमी लोगों के समक्ष एक अस्तित्व का संकट खडा कर दिया है । क्या हम इस चुनौती के सामने अपनी ऐतिहासिक सभ्यता को बनाये रख पायेंगे या फिर हम मुस्लिम आधिपत्य को स्वीकार करते हुए द्वितीय श्रेणी का धिम्मी स्तर ग्रहण कर लेंगे ?

  • Related Topics: Freethinking & Muslim apostasy, Islam receive the latest by email: subscribe to daniel pipes ' free mailing list This text may be reposted or forwarded so long as it is presented as an integral whole with complete and accurate information provided about its author, date, place of publication, and original URL. Comment on this item
    सभी मुसलमानों को अज्ञान की शक्तियों के साथ खड़ा करना दुखद भूल होगी. नरमपंथी, ज्ञानवान और स्वतंत्रचेता मुसलमान भी अस्तित्व में हैं. अपनी ही परिधि में उत्पीड़न का शिकार होकर वे सहयोग के लिए पश्चिम की ओर देख रहे हैं. वर्तमान समय में वे कितने ही कमजोर क्यों न हों लेकिन मुस्लिम विश्व को आधुनिक बनाने में उनकी प्रमुख भूमिका होगी.

  • However distasteful, Jones ' act is both legal and non - violent. He is not responsible for the 43 deaths ; the repugnant, barbaric ideology of Islamism is to blame. When will U. S. politicians realize this basic fact and stand up robustly for the civil liberties of American citizens ? Critiquing Islam, tastefully or distastefully done, is a Constitutional right. Indeed, done intelligently it is a civilizational imperative. Mr. Pipes is director of the Middle East Forum and Taube distinguished visiting fellow at the Hoover Institution of Stanford University. Related Topics: Freethinking & Muslim apostasy receive the latest by email: subscribe to daniel pipes ' free mailing list This text may be reposted or forwarded so long as it is presented as an integral whole with complete and accurate information provided about its author, date, place of publication, and original URL. Comment on this item
    चाहे जितना अरुचिकर लगे लेकिन जोंस का कार्य कानूनी भी है और अहिंसक भी । वह 43 मौत के लिये उत्तरदायी नहीं हैं इसके लिये बर्बर इस्लामवादी विचारधारा को दोषी ठहराया जाना चाहिये । आखिर इस आधारभूत तथ्य को अमेरिका के राजनेता कब समझेंगे और अमेरिकी नागरिकों के नागरिक अधिकारों के लिये कब उठ कर खडे होंगे । इस्लाम की निंदा करना वह रुचिकर हो या अरुचिकर हो पूरी तरह संवैधानिक अधिकार है । निश्चय ही यह कार्य अत्यन्त बुद्धिमत्तापूर्ण किया गया है और ऐसा सभ्यतागत कारणों के आवश्यक भी है ।

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