मचल के जब भी आँखों से छलक जाते हैं दो आँसू के बोल (Lyrics) - Griha Pravesh

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Arjit Shreevastav
May 07, 2019   •  7 views

यह गाना फ़िल्म "Griha Pravesh" से है।

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गाने के बोल

मचल के जब भी आँखों से छलक जाते हैं दो आँसू

सुना है आबशारों को बड़ी तक़लीफ़ होती है

खुदारा अब तो बुझ जाने दो इस जलती हुई लौ को
चरागों से मज़ारों को बड़ी तक़लीफ़ होती है, मचल ॥।

कहूँ क्या वो बड़ी मासूमियत से पूछ बैठे हैं
क्या सचमुच दिल के मारों को बड़ी तक़लीफ़ होती है
मचल ॥।

तुम्हारा क्या तुम्हें तो राह दे देते हैं काँटे भी
मगर हम ख़ाकज़ारों को बड़ी तक़लीफ़ होती है
मचल ॥।

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