यह गाना फ़िल्म "Bhabhi ki Chudiyan" से है।
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गाने के बोल
दर भी था थीं दीवारें भी
तुमसे ही घर घर कहलाया
सूना मंदिर था मन मेरा बुझा दीप था जीवन मेरा
प्रतिमा के पावन चरणों में मैं दीपक बनकर मुस्काया
तुमसे ही घर घर ॥।
देवालय बन गया सुहावना माँ तुमसे मेरा घर्-आँगन्
आँचल की ममता माया में पाई पाई सुख की शीतल छाया
तुमसे ही घर घर ॥।
कैसे हो गुणगान तुम्हारा जो कुछ भी है वरदान तुम्हारा
तुमने ही मेरे जीवन के सपनों को सच कर दिखलाया
तुमसे ही घर घर ॥।
आँखें मेरी ज्योति तुम्हारी रह न गईं राहें अंधियारी
रहने दो मेरे माथे पर माँ तुमने जो हाथ बढ़ाया
तुमसे ही घर घर ॥।