गाने के बारे में जानकारी
यह गाना फ़िल्म "Arpan" से है।
इस गाने के बोल Anand Bakshi ने लिखे हैं।
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गाने के बोल
तौबा -२
तौबा कैसे हैं नादान घुँघरू पायल के
इक दिन लेंगे मेरी जान घुँघरू पायल के
शर्म के मारे लाल पड़ गया रंग मेरा बादामी
छनक्-छनक के गली-गली में करें मेरी बदनामी
घुँघरू पायल के
तौबा कैसे हैं ॥।
कैसे कोई भेद छुपाए घर का भेदी लंका ढाए
दे-दे के मैं हारी सारी राम्-रहीम की क़समें
ऐसा लगता है ये निगोड़े नहीं किसी के बस में
इक दिन लेंगे मेरी जान घुँघरू पायल के
तौबा कैसे हैं ॥।
छुप के गली से कैसे गुज़रूँ छत से नीचे कैसे उतरूँ
कभी-कभी मैं सोचूँ इनको फेकूँ अभी उतारूँ
टोकने वाली उसी पड़ोसन के मुँह पर दे मारूँ
भरते हैं लोगों के कान घुँघरू पायल के
ओ तौबा कैसे हैं ॥।
छम्-छम ये बज उठते हैं पग में काँटें चुभते हैं
मीठा-मीठा दर्द निगोड़ा मेरा मेरे मन से निकले
इन्हें निकालूँ पैरों से तो जान बदन से निकले
मेरे दिल के हैं अरमान घुँघरू पायल के
तौबा कैसे हैं ॥।