मा बाप कहते हैं झूठ मत बोलो
पर खुद ही हमसे झूठ बोलते हैं
क्लास 12th में बोलते हैं बोर्ड्स हैं अच्छे सी पढ़लो उसके बाद chill ही chill,
पर उसके बाद तो असली महनत शुरू होती है
फिर बोलते हैं कॉलेज में अच्छे मार्क्स लाओ C.V. अच्छी बनाओ तभी तो नौकरी मिलेगी और फिर उसके बाद सेट फ्यूचर,

लेकिन नौकरी मिलने के बाद M.B.A करने के कम्पटीशन में लग जाओ क्यूंकि प्रमोशन तभी मिलेगी!

चलता रहता है यह झूठे दिलासों का कारवां
पर शायद यह झूठे वादे अगर न होते तो हम हर पढ़ाव उतनी महनत से न करते!
हमने हर बार पूरी महनत की क्यूंकि यह दिलासा था की इसके बाद आराम है ज़िन्दगी में,
और पूरे जोश और लगन से की महनत क्यूंकि हमारे लिए वोवन एंड ओनली चांस था !

तो मेरामानना है की झूठ बोलनागलत नहीं है
अगर वो झूठ किसी केखुद के भले के लिए हो !

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