दिल मे कुछ जख्म है जो दिखाना बाकी है
मन मे कुछ मलाल है जो बताना बाकी है
और दोस्ती करके देख चुका मैं बड़ी शिद्दत से
हार करके इस कदर दुश्मनी निभाना बाकी है।
मैं ऐसे हारा क्यो तुझसे ये बताना बाकी है
सपनो में आके तेरे अभी सताना बाकी है
जीत न पाएगी प्यार की इस जंग में तू , मुझसे
हरा करके खुद को तुझको जिताना बाकी है।
शुभम पाठक