आज देश के समक्ष कई प्रकार की समस्याएं है, जिन समस्याओं में से एक प्रमुख समस्या बेरोज़गारी है, जो कि समाज तथा देश के विकास के मार्ग को तेजी से अवरूद्ध कर रही है, आज हमारे देश में बेरोज़गारी इतनी बढ़ गई है, कि हर दूसरा व्यक्ति आज बेरोजगार है, युवकों तथा युक्तियों में बेरोज़गारी की संख्या बढ़ती जा रही है, इसके परिणामस्वरूप आज हमारा देश विकसित नहीं हो पा रहा है, आजादी के इतने वर्षों बाद भी हमारी विकास की गति धीमी से चल रही है, क्यू कि हमारे देश में शिक्षित बेरोजगारों की संख्या में वृद्धि हो रही हैं, जिसका मूल कारण है, बढ़ती हुई जनसंख्या जो कि बेरोज़गारी को बढ़ाने में मुख्य रूप से भूमिका निभाई रही हैं, हमारे पास संसाधन कम है, और संसाधनों की तुलना में जनसंख्या अधिक जो की बेरोज़गारी को बढ़ाने का एक प्रमुख कारण है, जनसंख्या वृद्धि से देश का संतुलन भी बिगड़ रहा है, आज बेरोजगारी इस क़दर बढ़ गई हैं, जिसे समाफ्त करना नाुमकिन सा लगता दिखाई दे रहा है, बेरोज़गारी को बढ़ाने में जनसंख्या ही नहीं बल्कि और भी ऐसे कारण है, इसे बड़ा रहे हैं,और देश तथा समाज के विकास में बाधक बन रहे है, इसमें से एक प्रमुख कारण हमारे देश की शिक्षा प्रणाली है, भारतीय शिक्षा प्रणाली हमारी शिक्षा पद्धति में बर्षो से कोई परिवर्तन नहीं हुआ है, हमारी शिक्षा पद्धति प्रायोगिक नहीं है, जिसके कारण उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी युवाओं को नौकरी के लिए दर - दर भटकना पड़ रहा है, तथा जिससे उनका नमोबल भी कमज़ोर पड़ जाता है, और वे गलत या हिंसा के राह पर चल पड़ते है, समाज में व्याप्त बेरोज़गारी ही तमाम सामाजिक हिंसको को जन्म देती है,और देश विकास के मार्ग से विचलित हो जाता है, अगर हम ग्रामीण क्षेत्रों का आवलोकन करे तो देश के लगभग 80 प्रतिशत किसान अर्द्ध बेरोजगार हैं, उनके पास केवल फसलों के दिनों में काम होता है, या यूं कहे कि सिर्फ खेती के मौसम में ही उनके पास काम होता है, बाक़ी माह वे बेरोजगार रहते है, जिससे उनके जीवन पर असर पड़ता है,तथा वे अपने परिवार की अच्छे से देख - रेख नहीं कर पाते है।
देश में बढ़ती बेरोजगारी का तीसरा मुख्य कारण यह है कि, आज हर एक व्यक्ति अच्छे पदो पर कार्य करने की कामना करता है,कोई भी लघु कार्य को करने में रुचि नहीं रख रहा है,जिसके कारण आज लघु उद्योगों के प्रति लोगों का रुझान काम दिखाई दे रहा है,लोग आज पारिवारिक व्यवसाय को महत्व नहीं दे रहे है, जिससे की पैतृक व्यवसाय धीरे - धीरे समाप्त होता दिखाई दे रहा है, और युवाओं को नौकरी की तलाश में घूमना पड़ रहा है।
वर्तमान समय में बेरोज़गारी जैसी गंभीर समस्या के समाधान पर ध्यान देने की आवश्यकता है, कि किस प्रकार हम इसे जड़ से समाप्त कर सकते है।
बेरोज़गारी से निवारण हेतु सबसे पहले लोगो की सोच में बदलाव लाना होगा हमारे देश में युवा जनसंख्या बहुत अधिक है, इसलिए हमे उनकी मानसिकता को परिवर्तित करना होगा
यह परिवर्तन तभी संभव है, जब हमारी शिक्षा पद्धति में बदलाव आएगा, हमें अपनी शिक्षा प्रणाली को प्रयोगात्मक बनाने पर विशेष ध्यान देना होगा, कॉलेजों में तकनीकी और कार्य पर आधारित शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है,जिससे की वे उसका प्रयोग अपने काम के दौरान के सके।
जगह - जगह उद्योगों का निर्माण किया जाए जिसे की अधिक मात्रा में लोगो को काम मिल सके ।
वर्तमान समय में सरकार भी बेरोजगारी जैसी समस्या पर ध्यान दे रही है,और युवाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए व्यासायिक शिक्षा पर जोर दे रही है,जिसे की वे केवल सरकारी नौकरी पर निर्भर ना रहें, तकनीकी शिक्षा ग्रहण कर अपना व्यवसाय शुरू कर सके, जिसके लिए सरकार युवकों को कम दर पर लोन भी दे रही है,जिसे की देश से बेरोज़गारी को दूर किया जा सके, और देश विकास के मार्ग पर आगे बढ़ सके।