हमारा मन बहुत ही कोमल तथा नाज़ुक होता है, कोई भी ऐसी बात जिसकी हम कामना या अपेक्षा नहीं करते है, अगर वो घटित हो जाती है,तो और उससे हमारे मन में बहुत गहरी चोट ले जाती है, हम उस समय उस हालत में नहीं होते है, कि हम अपनी बात किसी और से कह सके, कई बार हमे यह डर भी रहता है, कि कहीं हमारी भावनाओ का लोग मजाक ना बनाने लगे, और इसी डर से हम अपनी भावनाओ को अंदर ही अंदर दबा देते है, और डिप्रेशन का शिकार हो जाते है।
कई बार ऐसा होता है, कि हम किसी बात को अपने दिल से इतना लगा लेते है, कि हम उस वाक्या से बाहर ही नहीं निकल पाते है, और डिप्रेशन में रहते है।
डिप्रेशन में जाने का सबसे अच्छा तरीका ये होता है, कि हम अपने भावनाओ को किसी ना किसी रूप में बाहर निकले जिससे कि वो हमे ताउम्र तकलीफ ना दे इसके लिए हम कोई सा भी तरीका अपना सकते है।
एक बहुत ही अच्छा माध्यम होता है, अपने भावनाओ को वयक्त करने का जब हम कविता लिखते है,तो उस समय हम अपने अंदर के सभी बातो को उसके माध्यम से स्पष्ट करते है, और उसे हम बहुत ही ज्यादा रिलैक्स महसूस करते है, यह एक बहुत ही अच्छा माध्यम होता है, डिप्रेशन में ना जाने का और उसे बाहर निकलने का ।
अगर हम अपने जीवन में हो रही रोज की बातो या घटनाओं को नियमित रूप से अपने डायरी में लिखते है,तो हम यह समझ पाते हैं, कि क्या गलत है और क्या सही है, डायरी लिखना एक अच्छी आदत होती है, जिससे कि हम डिप्रेशन में नहीं जा पाते है।
और भी ऐसे बहुत से माध्यम है,जिनसे हम डिप्रेशन से बाहर निकल सकते है, तथा डिप्रेशन में जाने से बच सकते है।