प्यार के हैं बहुत रंग ,
पर एक रंग है बहुत अलग।
थोड़ा अनोखा,थोड़ा निराला,
है दिल के सबसे करीब।
पहली दफा जब आँख खोली,
पाया आपको करीब,पहली दफ़ा जब चलना सीखा,पाया आपको करीब,
सही किया या गलत,जब भी थी आप मेरे करीब।
रिश्ता थोड़ा अजीब है,
लफ्जों में बयां करना मुश्किल है,
ऐसा रिश्ता एक ही है,
हाँ माँ! वो तू ही है।