12 Am चाँद और मेरी तनहाईयाँ

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Nannajkar Vibha
Jun 29, 2019   •  8 views

एक तुम ही तो हो जिस्से मे

तक़ाज़ा रखतीं हूँ ।

एक तुम ही तो हो जिस्से मे

अपने दिल का हाल बया करती हूँ ।

मेरी बेचैं सी बाते सुनकर

तेरी बेताबी हवाओं का

रुख मोड़ देती है ।

मेरे तन्हा सफ़र के

एक लौते गवाह हो तुम।

कभी अनकहीं कहानियान भी

आँखों से पढ़ लेते हो।

तो कभी आँखों की नमी को

बेमौसम बारिश बना देते हो ।

माना चांद हो तुम और जमीन हूँ में ।

तुम्हारे बिना कमी (अधुरी) हूँ में।

चलना साथ है पर मिलना नहीं।

इस बात की हमी हूँ मे।

बस तुम ही तुम हो......
और मे ही में ......

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तकाज़ा क्या होता है?
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Nannajkar Vibha  •  4y  •  Reply
तकाजा मतलब उम्मीदें
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Aabhari ahe
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Ismail Gorikhan   •  4y  •  Reply
👍👍💕