याद है मुझे वो दिन ...

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Anjali Sharma
Jul 30, 2019   •  27 views

याद है मुझे वो दिन ...

जब मैं Hostel में पहली बार आई थी ।

बाहर से तो अपने आप को खुश दिखाया, पर वो रात मैंने रो-रो कर बिताई थी ।

याद है मुझे वो दिन ...

जब Mess के खाने को देखकर मैंने नाक चढ़ाई थी ।

घर पर बने माँ के हाथ के खाने की कीमत मुझे उस दिन समझ आई थी ।

याद है मुझे वो दिन ...

जब मैं College में पहली बार आई थी ।

नए-नए चहरे देखकर मैं मन ही मन बहुत मुस्काई थी ।

याद है मुझे वो दिन...

जब अपने Seniors से मैं टकराई थी ।

12th pass out करने के बाद अपने आप को बहुत बडा समझती थी!

लेकिन अपनी असली औकात मुझे उस दिन समझ आई थी ।

याद है मुझे वो दिन ...

जब अपनी Roomate से की मैंने लडाई थी ।

Cooperation और Compromise जैसी चीजे मुझे उस दिन समझ आई थी ।

याद है मुझे वो दिन...

जब Warden mam से हमने डाँट खाई थी ।

पर उनके जाने के बाद हमने उनकी बहुत खिल्ली उड़ाई थी ।

याद है मुझे वो दिन...

जब Exams की घडी आई थी ।

रात को पढ़ने की बजाय पास होने की योजनाएँ हमने बनाई थी ।

याद है मुझे वो दिन

जब Seniors ने ली Hostel से विदाई थी ।

उनको रोता देख मेरी भी आँखे भर आईं थी ।

Hostel की वो Building जो कुछ देर पहले तक मेरे लिए एक जेल थी, अचानक से अपनी नज़र आई थी ।

फिर आई हूँ उसी Hostel में, लेकिन इस बार थोडी सयानी होकर...

विदाई लूँगी मैं भी यहाँ से एक दिन , थोडी सी और सयानी होकर...

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ख़ुशनसीब होते हैं वो लोग जिन्हें Hostels में रहने का मौका मिलता है,

वरना "मेरे नसीब में तू है के नहीं.....तेरे नसीब में मैं हूँ के नहीं.... "वाला गाना मेरी जिंदगी में बहुत सी चीजों पर लागू होता है।

#apoemdedicatedtohostel

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