Meaning of Theology in Hindi - हिंदी में मतलब

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Ayush Rastogi
Mar 07, 2020   •  0 views
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Synonyms of "Theology"

"Theology" शब्द का वाक्य में प्रयोग

  • He could share a joke with them as effortlessly as he could discourse to them on any abstruse point of theology or metaphysics.
    वह लोगों के साथ हँसी - मजाक में बिना प्रयास किए ठीक ऐसे ही हिस्सा ले सकते थे जैसा कि विज्ञान एवं तत्व - मीमांसा के किसी भी दुरूह विषय पर भाषण दे सकते थे ।

  • As the soul ever retains the sense of ego, the aphorism can be easily construed to mean that the idea of responsibility may seem incompatible with a particular system of philosophy or theology, but its truth as revealed by consciousness cannot be questioned.
    चूंकि, आत्मा सदा अंहकार से आवेष्ठित रहती है, अतः उपर्युक्त सुत्र का आसानी से यह अर्थ समझा जा सकता है कि यद्यपि उत्तरदायित्व के सिद्धांत का किसी दर्शन या धर्मशास्त्र विशेष के साथ संगति नहीं बैठती, फिर भी चेतना द्वारा अनुभूत उसकी सत्यता के विषय में शंका नहीं की जा सकती है ।

  • I can only say that the reported remark of the Holy Father, among others, points to the well - known point of essential difference between classic mainstream Muslim and classic mainstream Catholic theology concerning the Word of God and of revelation / inspiration. It also suggests that Muslim theological thinking must deal with the weight of this deep - rooted faith conviction and the theological vision it continues to shape.
    मैं केवल इतना ही कह सकता हूं कि पवित्र फादर की जिस टिप्पणी का उल्लेख उपर किया गया है वे ईश्वर के शब्द और उनकी प्रेरणा को लेकर मुख्यधारा के मुसलमानों और शास्त्रीय कैथोलिक धर्मशास्त्रियों के परस्पर मतभेद की परंपरा का अंग है. इससे यह भी संदेश मिलता है कि मुस्लिम धर्मशास्त्रियों को गहरे जड़ जमाए बैठे आस्था और धार्मिक दृष्टि के भार से निपटना है.

  • Not only in theology but also in metaphysics, the concept of essence is generally more negative than positive.
    केवल धर्म विज्ञान में नहीं, बल्कि तात्विक विज्ञान में भी सत् की धारणा सकारात्मक होने के बदले अधिक निषेधात्मक है ।

  • Such a belief was not difficult for him to adopt, for almost every concept of the Divine is accessible to Hindu thought, and in any case Dwarkanath was not interested in the metaphysics or the theology of his own religion, thhough he was averse to disowning its practice and ritual.
    इस प्रकार के विश्वास को अपना लेना उनके लिए कठिन नहीं था, क्योंकि हिन्दू विचारधारा के अंतर्गत दिव्य - शक्ति की हर संभव परिकल्पना सुगम है और जहां तक द्वारकानाथ का संबंध है, सच तो यह है कि उन्हें स्वयं अपने धर्म के अध्यात्म - दर्शन या सिद्धांत - शास्त्र में कतई दिलचस्पी नहीं थी, यद्यपि वे उसकी विधियों और रीतियों का पालन करने का त्याज्य मानने से कतराते थे ।

  • But it does not concern itself either BUDDHISMJAINISMSCHOOL OF PHILOSOPHY with the theology or the ethics of the Vedas but only with the verses dealing with rites and ceremonies, sacrifices, hymns and prayers.
    किंतु उनका संबध वेदों के धर्म विज्ञान या नीतिशास्त्र से नहीं बल्कि केवल कर्मकांडो, धर्मानुष्ठानों, यज्ञ भजन तथा प्रार्थनाओं से संबधित श्लोकों से है ।

  • With the help of Dwandwvad, the technique of reading Islamic theology was developed.
    द्वंद्ववाद की मदद से इस्लामी धर्मशास्त्र का अध्ययन करने की कला को विकसित किया गया ।

  • He had described the spiritual life of Chaitanya entirely according to the theology and Rasa - shastra propounded by his Gurus, the Vrindavana Gosvamins.
    उन्होंने अपने गुरू वृंदावन के गोस्वामियों द्वारा प्रतिपादित तत्व विद्या और रस शास्त्र के अनुसार ही चैतन्य के जीवन का वर्णन किया है ।

  • So to the two brothers Chaitanya assigned the task of formulating the theology and the Rasa - Shastra.
    अतः चैतन्य ने दोनों भाइयों को तत्व - विद्या वृंदावन के छह गोस्वामी 43 और रस - शास्त्र की रचना का काम सौंपा ।

  • However, I cannot remember at all the Holy Father having said the words reported at the end of the indented paragraph in D. Pipes ' s report, “ The Pope and the Koran, ” that “ There ' s no possibility of adapting it or interpreting it. ” The Holy Father is well - informed enough to know that there have existed and that there exist today, probably increasingly, other interpretations of the Qur ' anic evidence with regard to a theology of revelation. These considered Muslim views and approaches do not, it would seem, inform the thinking and approach of a sizable Islamic movement or organisation - and we do not know what future problems lie ahead in this regard - but it does exist and is vividly discussed in many places, both in academia and beyond.
    वैसे मुझे याद नहीं कि पाईप्स की रिपोर्ट पोप और कुरान में जैसा कहा गया है कि इसके संशोधन और समायोजन की कोई संभावना नहीं है. ऐसा पवित्र फादर ने कुछ कहा हो. पवित्र फादर इस बात से भली भांति परिचित हैं कि देववाणी की धार्मिक मान्यता के साथ - साथ कुरान की व्याख्या के उदाहरण भी हैं. इसमें मुस्लिम विचार और पहल भी शामिल है.

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