व्यक्तिपरक
आत्मनिष्ठ
कर्तृपदीय
Immanent
Transeunt
He observes that generally most of the poets write subjective literature in the earlier phase of their career and in the later period, they resort to writing objective literature.
उनका विचार है कि अधिकांश कवि अपने जीवन के आरम्भिक चरण में प्रायः व्यक्तिनिष्ठ साहित्य की रचना करते हैं और बाद में वे वस्तुनिष्ठ साहित्य की रचना करने लगते हैं ।
But this is not that artificial objectivity by which the reason in its observation tries to extrude the element of personal or subjective error.
पर विषय की यह बाह्यता वह कृत्रिम बाह्यता नहीं होती जिसके द्वारा बुद्धि अपने अवलोकन में वैयक्तिक या विषयिगत भूल का अंश दूर करने की चेष्टा करती है ।
First, it shows that Islam - like all religions - is whatever believers make of it. The choices for Muslims range from Taliban - style repression to Balkan - style liberality. There are few limits ; and there is no “ right” or “ wrong” interpretation. Muslims have a nearly clean slate to resolve what “ no compulsion” means in the 21st century. Conversely, nonspecialists should be very cautious about asserting the meaning of the Koran, which is fluid and subjective. When Alan Reynolds wrote that the no - compulsion verse means the Koran “ counsels religious tolerance, ” he intended well but in fact misled his readers.
एक सामान्य से मुहावरे के लिए इतना मतभेद काफी पेंचीदा है क्योंकि मतावलंबी तो सभी पवित्र पुस्तकों की सामग्री पर बहस करते हैं केवल कुरान पर नहीं. इस गैर - बाध्यता वाली आयत पर बहस के कुछ महत्वपूर्ण परिणाम भी हैं - पहला इससे प्रकट होता है कि इस्लाम भी अन्य धर्मों की भांति अनुयायियों पर निर्भर है कि वे इसे कैसा स्वरुप देते हैं. मुसलमानों के धर्म के चयन का विकल्प तालिबान शैली की अधीनता से बाल्कन शैली की उदारता तक में है. इस आयत की व्याख्या की अपनी कुछ सीमीयें हैं परंतु कोई सही या गलत व्याख्या नहीं है. 21वीं शताब्दी में मानों मुसलमानों के सामने एक साफ स्लेट रखी है कि वे इस आयत की कैसी व्याख्या लिखते हैं.
But in Yoga they are regarded also in their psychological aspects as states of subjective existence to which our waking consciousness is now alien, but which dwell in us in a superconscious plane and to which, therefore, we may always ascend.
किन्तु योग में ये अपने मनोवैज्ञानिक पक्षों में आभ्यन्तरिक अस्तित्व की अवस्थाएं मानी जाती हैं जिन्हें हमारी जागृत चेतना इस समय नहीं जानती, किन्तु जो हमारे अन्दर एक अतिचेतन स्तर पर निवास करती हैं और इसीलिये जिनकी ओर हम सदा ही आरोहण कर सकते हैं ।
We may believe intellectually in a purely mechanical view even of our subjective existence, but we cannot act upon it or make it quite real to our self - experience.
बौद्धिक रूप से हम अपनी आभ्यन्तरिक सत्ता के विषय में भी एक कोरे यान्त्रिक दृष्टिकोण को ठीक मान सकते हैं, पर अपने कार्य - व्यवहार में हम उसके अनुसार नहीं चल सकते, न उसे अपने आत्मनुभव के प्रति सर्वथा वास्तविक ही बना सकते हैं ।
Dr Shoba Srinath of NIMHANS, who headed the Bangalore leg of the ICMR study, tries to explain the difference: ” For conditions like this where clinical judgement is the most important, certain subjective criteria are involved.
शोभा श्रीनाथ, जिन्होंने आइसीएमाअर के अध्ययन के बंगलूर चरण की अगुआई की थी, इस अंतर को स्पष्ट करती हैं, ' ' ऐसी परिस्थितियों में जहां ड़ॉक्टरी राय बेहद महत्व रखती है, कुछ मनोगत कसौटियां भी जुड़ी रहती हैं.
If the subjective element is unavoidable and inevitable, it should be conditioned as far as possible by the scientific method.
लेकिन अगर व्यक्तिनिष्ठ तत्व को अलग नहीं रखा जा सकता और यह जरूरी ही है, तब जहां तक संभव हो वैज्ञानिक तरीका अपनाकर उसे नियंत्रण में रखना चाहिए ।
Ans: Since translations are subjective in nature, we do not claim 100 % accuracy in the same. It will be appreciated if you can send email on info @ ildc. in with complete details of errors.
उत्तरः चूँकि अनुवाद प्रकृति से व्यक्तिनिष्ठ है, हम इसकी 100 % शुद्धता का दावा नहीं करते हैं । यह सराहनीय होगा यदि आप गलतियों को पूरे विवरण के साथ @. पर ईमेल से भेजें ।
This is because the two are inseparable: Happiness in Makiguchi ' s meaning is the subjective reward of living well, and to live well for a human being is necessarily to develop in personal character, because for all of us in the beginning as infants and young children, what is good in us subsists as unactual - ized potentiality.
वह इसलिए क्योंकि इन दोनों का पृथक नहीं किया जा सकताः माकीगुची के अर्थ में सुख सुचारू रुप से जीने का व्यक्तिपरक पुरस्कार है ; और मानव के लिए सुचारु रूप से जीना है व्यक्तिगत चरित्र का विकास ।
This method of appraisal encourages frequent recording and enables employees’ performance to be judged on actual incidents rather than on subjective assessments.
इस मूल्यांकन पद्धति से बार बार अभिलेख रखने को प्रोत्साहन मिलता हॆ तथा कर्माचारी के कार्यनिष्पादन को वास्तविक घटनाओं के आधार पर आकलित करने में सहायता मिलती हॆ