गंदगी
दुर्भावना
वीभत्सता
Attacking the sanctities of a religion, I submit, is quite unlike targeting the faithful of that religion. The former is protected speech, part of the give and take of the market place of ideas, not all of which are pretty. Freedom of speech means the freedom to insult and be obnoxious. So long as it does not include incitement or information that urges criminal action, nastiness is an essential part of our heritage.
यह समझदारीपूर्ण बात लगती है । परंतु क्या मुहम्मद को चिढाना, कुरान को जलाना या फिर इस्लाम को एक पंथ कहना नफरत का भाषण कहा जा सकता है ? तो फिर अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय में या न्यूयार्क राज्य सर्वोच्च न्यायालय के भवनों में मुहम्मद के सम्मानपूर्ण प्रतिनिधित्व का क्या ? जबकि उसके चलते असंतोष और दंगे भी हुए ।
It also exposes the nastiness and indecency that are at work under the polished front of Dhanadas, the owner of the press.
इसमें प्रेस मालिक धनदास के चमकदार मुखौटै के पीछे काम करने वाली दुष्टता और अभद्रता की पोल भी खोली गई है ।
It’s Editor, Robert Knight used to upbraid British officials for their nastiness towards Indians and for doing precious little to eradicate India’s poverty.
इसके संपादक रॉबर्ट नाइट भारतीयों के प्रति दुर्भावना और भारत की गरीबी मिटाने के लिए कुछ न करने के लिए अंग्रेज अधिकारियों को फटकार लगाया करते थे ।