शोक गीत
करुण गीत
मातम गीत
मरसिया
विलाप गीत
The mere conventional forms of versifying were popular, such as the lyric, sonnet, elegy and ode and when Rabindra - nath Tagore won the Noble Prize for his Gitanjali in 1913 by translating his own poems into free English verse, a new form was opened but continued little by his followers.
पद्य - रचना के पारंपरिक प्रकार लोकप्रिय थे ; जैसे लिरिक, सानेट, इलेज़ी और ओड एंव जब रवीन्द्रनाथ टैगोर ने अपनी कविताओं का स्वच्छन्द अंग्रेजी पद्य में अनुवाद करके १९१३ में गीतांजलि के ऊपर नोबल पुरस्कार प्राप्त् किया तब एक नया प्रकार सामने आया, किंतु इनके अनुयायियों ने इसका बहुत कम अनुसरण किया ।
The elegy comes nearest to it but the panegyric, epic, didactic, lyric and dramatic elements acquired by it over the last two centuries have given to it an identity easily distinguishable from the elegy.
एलेजी शोकवाक्य को कुछ सीमा तक इससे मिलता - जुलता कहा जा सकता है लेकिन पिछली दो शताब्दियों में प्रशस्तिपूर्णता, महाकाव्यात्मकता, शिक्षात्मकता, गेयात्मकता तथा नाटकीयता इत्यादि तत्त्वों के कारण इसकी जो पहचान बनी है उसके कारण इसे आसानी से एलेजी से भिन्न रूप में पहचाना जाता है ।
Some writers have been at pains to discover similarities they believe it to share with the epic or the elegy or the tragedy and in attempting this have made the confusion all the worse.
कुछ लेखकों को महाकाव्य, शोकगीत अथवा त्रासदी से इसकी समानताएँ पाकर दुःख पहुँचा है और ऐसा करने में उन्होंने और भी उलझनें पैदा कर दी हैं ।
The elegy comes nearest to it but the panegyric, epic, didactic, lyric and dramatic elements acquired by it over the last two centuries have given to it an identity easily distinguishable from the elegy.
एलेजी शोकवाक्य को कुछ सीमा तक इससे मिलता - जुलता कहा जा सकता है लेकिन पिछली दो शताब्दियों में प्रशस्तिपूर्णता, महाकाव्यात्मकता, शिक्षात्मकता, गेयात्मकता तथा नाटकीयता इत्यादि तत्त्वों के कारण इसकी जो पहचान बनी है उसके कारण इसे आसानी से एलेजी से भिन्न रूप में पहचाना जाता है ।
On the other hand, Kamban by making Jatayu enquire about the health of Dasaratha, creates an occasion for celebrating in a most moving elegy the inspiring friendship between the bird and the man.
दूसरी तरफ, जटायु के द्वारा दशरथ के स्वास्थ्य के विषय में पूछताछ करवाकर कम्बन् पक्षी और मनुष्य के बीच की प्रेरणादायक मित्रता को एक अत्यधिक मर्मस्पर्शी शोकगीत के द्वारा प्रस्तुत करने का अवसर उत्पन्न कर लेते हैं ।
By this time Chakbast was fully confident of himself and in 1901 he wrote an elegy at the death of Mahadev Govind Ranade, a great social reformer and the first Indian judge of High Court.
इस समय तक चकबस्त में आत्मविश्वास पूरी तरह जाग चुका था और सन् 1901 में उन्होंने उस समय के महान समाज सुधारक और हाई कोर्ट के प्रथम भारतीय जज महादेव गोविंद राणाडे के देहांत पर एक मरसिया लिखा ।
These seldom rise above the elegiac level and meet the fate of the elegy in other languages.
लेकिन ये कभी - कभी ही दूसरी भाषाओं के शोकगीतों के स्तर तक पहुँच पाई हैं ।
This elegy has all the features we are familiar with in English poems of the same kind: the invocation to ' the Muses, the mourning of men and of Nature, the change of mood, the assertion that the dead man is not dead, and the final consolation.
अंग्रेजी के ऐलजी काव्य रूप से सभी गुण इसमें मिलेगेंदेवस्तुति, मनुष्यों और प्रकृति का रूदन, मनोदशा परिवर्तन, यह आग्रह है कि मृतक मरा नहीं है, और अंत में दिलासा ।
Nanalal ' s elegy which is intimately personal unfolds the past in a reminiscent style, dwelling on the different incidents, episodes and experiences in the life of the father and the son, not in tears and sobs, but in subdued dignified utterances, charged with deep reverence and emotions and not a little of remorse for the unwitting little sins of commission and omission of the adolescent son towards the aging doting father.
पिता के प्रति नानालाल की यह श्रंद्धाजंलि शोकगीत अतीत को याद करती हुई, पिता - पुत्र के जीवन के विभिन्नों पक्षों, घटनाओं, प्रसंगों की याद करती हुई चलती है ; पर इसमें आँसू और सिसकियाँ नहीं है, बल्कि गारिमापूर्ण, संयमित स्वर है, श्रद्धा और भावनाओं से अभिभूत, किशोर पुत्र की नादनियों पर हल्का - सा पश्चाताप लिये हुए ।
Nor does the poet seem to be deliberately working on an elegy.
यह भी नहीं लगता कि कवि सोच - समझकर विरहगीत लिख रहा है ।