प्रभाव
घूँसा मारना
मुक्का
घूँसा
This alignment uses terror and its economic and political clout to keep the lower groups on leash.
यह गठजोड़ निम्नतर समूहों को काबू में रखने के लिए आतंक और अपने आर्थिक तथा राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करता है ।
Rooted in kinship, he imparted clout to rural populism.
सगोत्रों में जड़ैं रखने वाले इस जाट नेता ने ग्रामीण लकवाद की जड़ैं मजबूत कीं.
Due to the clout of their principal party, the Muslim League, Muslims have received many concessions.
अपनी प्रमुख पार्टी मुस्लिम लीग के प्रभाव के बल पर मुसलमानों ने कई छूटें हासिल की हैं.
The media has recently focused on Christian Zionism as though it were something new. The real story is how Christian Zionists are increasingly the bedrock of Israel ' s support in the United States, more solidly pro - Israel and more robustly Zionist than many in the Jewish community. To those who wonder why Washington follows policies so different from the European states, a large part of the answer these days has to do with the clout of Christian Zionists, who are especially powerful when a conservative Republican like George W. Bush is president.
मीडिया ने हाल में ईसाई इजरायलवाद पर इस प्रकार प्रकाश डाला है मानों यह नई बात हो
That the clout of Vincent George is on the wane is evident from the fact that the once powerful personal assistant will no longer control access to the Congress President Sonia Gandhi.
इसका सबूत इसी बात से मिल जाता है कि कभी सोनिया गांधी के खासमखास रहे उनके इस निजी सहायक के जिमे लगों की सोनिया से मेल - मुलकात करवाने का काम अब नहीं रहेगा.
So as political clout becomes the “ ultimate status symbol ” among NRIs, their actual involvement in electoral politics will add more than cash and colour to the polls in Punjab.
सो, जहां आप्रवासी भारतीयों के लिए राजनैतिक दखल रखना ' हैसियत का प्रतीक ' बनता जा रहा है, वहीं चुनावी राजनीति में उनके शामिल होने से पंजाब के चुनावों में नए रंग और नया धन जुड़ैंगे.
This was not the first such attempt by “ moderate” British Muslim leaders at political jujitsu, to translate Islamist violence into political clout. The same happened, if less aggressively, in the aftermath of the July 2005 London bombings, when they piggybacked on the death of 52 innocents to demand that British forces leave Iraq.
यह पहला अवसर नहीं है जब ब्रिटेन के नरमपंथी मुस्लिम नेताओं ने इस्लामी हिंसा को राजीतिक प्रभाव में बदलने का प्रयास किया हो. ऐसा ही जुलाई 2005 के अपेक्षाकृत कम आक्रामक विस्फोटों के बाद हुआ था जब 52 निर्दोष लोगों की मृत्यु पर सवार होकर उन्होंने ईराक से ब्रिटिश सेनाओं के हटाये जाने की मांग की थी.
On a less philanthropic plane, the NRIs ' political clout serves to further their business back home in the West.
वहीं आप्रवासी भारतीयों की राजनैतिक पकड़े होने से उन्हें पश्चिमी देशों में अपने कारोबार में मदद मिलेगी.
The political class has been squeamish in tackling such an issue because of the entrenched media ' s clout.
व्यापक पै वाली मीड़िया के दबदबे के चलते सियासी वर्ग ऐसे मामले से निबटने में कुछ ज्यादा ही सतर्क रहा है.
During the long, painful, and regressive reign of the army boots, Egypt moved backward according to every meaningful index, from standard of living to diplomatic clout, even as the population quadrupled from 20 to 83 million and Islamist ideology flourished. Egypt and South Korea, Osman notes, were on a socio - economic par in 1952 ; now, Egypt has fallen far behind. He writes how “ society did not progress” under the soldiers ' rule but, to the contrary, “ on many fronts, it actually regressed. ” He discerns since 1952 “ an overarching feeling of an irreparable sense of damage, a national defeat. ” From football games to poetry, one senses that defeatism.
सेना के नीचे लम्बे, पीडादायक और पीछे की ओर ले जाने वाले शासन के चलते मिस्र सभी अर्थपूर्ण सूचकाँक के पैमाने पर पिछड गया फिर वह जीवन स्तर हो या कूटनीतिक प्रभाव हो और तो और जनसंख्या का विस्तार चार गुना 20 मिलियन से 83 मिलियन हो गया तथा इस्लामवादी विचारधारा पोषित हुई । ओस्मान के अनुसार 1952 में मिस्र और दक्षिण कोरिया सामाजिक और आर्थिक स्तर पर समान थे परंतु अब मिस्र काफी पीछे चला गया है । उन्होंने लिखा है कि किस प्रकार, “ सैनिकों के शासन में समाज ने प्रगति नहीं की बल्कि यह वास्तव में अनेक मोर्चों पर पिछड गया” । उनकी खोज है कि 1952 से, “ निर्माण न हो सकने वाली क्षति और राष्ट्रीय पराजय का व्यापक भाव देश में व्याप्त है” । फुटबाल के खेल से कविता तक हर स्तर पर पराजय का भाव है ।