विंग कमांडर अभिनंदन की शौर्य गाथा

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Sushant Kumar
Apr 15, 2019   •  26 views

27 फरवरी को सुबह 10 बजे के आसपास भारतीय सीमा में घुसे पाकिस्तानी विमान F16 को अभिनंदनने अपने पराक्रम से आसमान में पाकिस्तान के अत्याधुनिक एफ-16 विमानों के छक्के छुड़ा दिए. जाबांज पायलट ने पुराने मिग विमान MIG 21 बायसन से ही F16 को खदेड़ दिया. F16 का मलबा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मिला. आसमान में हुए इस जंग की चपेट में विंग कमांडर अभिनंदन का मिग-21 बायसन भी आया. दरअसल दुश्मनों के खदेड़ते हुए मिग-21 बायसन में अब कुछ भी हो सकता था. ऐसे में विंग कमांडर अभिनंदन से पैराशूट से छलांग लगा दी और जब वे जमीन पर पहुंचे वे इलाका पीओके का था.दुश्मन के विमान को मार गिराने के लिए पीओके में घुसे अभिनंदन ने दुश्मन के कब्जे में जाकर भी अदम्य साहस दिखाया. जब उनका विमान गिरा तो उस वक्त भी उन्होंने अपना पराक्रम दिखाकर पाकिस्तानियों को हैरान कर दिया. पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पीओके में पैराशूट से अभिनंदन एक तालाब में कूदे और कुछ दस्तावेज और मैप्स निगलने की कोशिश की. अभिनंदन ने वहां जमा हुए लोगों से पूछा कि वह भारत में हैं या पाकिस्तान में? जिसके जवाब में एक बच्चे ने चालाकी दिखाते हुए कहा कि वह भारत में ही हैं. पायलट ने इसके बाद नारे लगाए और पूछा कि भारत में वह किस जगह पर हैं.उसी लड़के ने अभिनंदन को बताया कि वह किला में हैं. अभिनंदन के देशप्रेम भरे नारों को कुछ पाकिस्तानी युवा पचा नहीं पाए और पाकिस्तान आर्मी जिंदाबाद का नारा लगा दिया. अभिनंदन समझ गए कि वह पाकिस्तान में हैं लेकिन बिना डरे उन्होंने हवा में फायरिंग की. हाथों में पत्थर लिए हुए लोगों को डराने के लिए भारतीय पायलट ने हवा में फायरिंग की. इस मुश्किल परिस्थिति में भी अभिनंदन ने साहस बनाए रखा और पाकिस्तान के आम नागरिकों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा. वह एक तालाब में कूदे और अपनी जेब से कुछ डॉक्युमेंट निकालकर उन्हें नष्ट करने की कोशिश की, ताकि पाकिस्तानी सेना के हाथ कुछ ना आ पाए.इसके बाद पाकिस्तान ने एक वीडियो जारी किया जिसमें उनसे सेना का अफसर कोई सवाल पूछ रहा था और वे जवाब देने से साफ मना कर रहे थे. दुश्मन की कैद में होने के बावजूद भारतीय पायलट अभिनंदन की हिम्मत बिल्कुल भी डगमगाती दिखाई नहीं देती है. अभिनंदन के पिता भी वायुसेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. पाकिस्तानी सेना के कब्जे में भी विंग कमांडर अभिनंदन सीना ताने, सर उठाए खड़े रहे और किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया. पूरे देश में अभिनंदन की वापसी की दुआएं होने लगी और भारत सरकार ने साफ कर दिया कि पाकिस्तान को हमारे पायलट को बिनी किसी शर्त, बिना नुकसान पहुंचाएं सौंपना ही होगा.जिस तरह से भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में घुसकर बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े आतंकी कारखाने पर हमला किया. पीओके में दूसरे आतंकी कैंपों को नेस्तनाबूत किया. उससे पाकिस्तान बुरी तरह से डर गया था. पाकिस्तान को डर था कि भारत अपने पायलट अभिनंदन को छुड़ाने के लिए कोई बड़ा फैसला कर सकता है. इस्लामबाद की पैनी नजर दिल्ली में हो रही हर हलचल पर थी. पुलवामा आत्मघाती हमले के बाद पूरा हिंदुस्तान गुस्से में था. उरी हमले के बाद भारतीय फौज का सर्जिकल स्ट्राइक पाकिस्तान पहले ही देख चुका था.रावलपिंडी में बैठे पाकिस्तानी आर्मी के जनरलों की भी समझ में आ गया कि ये नया भारत है- जो दुश्मन के घर में भी घुस सकता है और मार भी सकता है. एक ओर भारतीय फौज पाकिस्तान को सबक सिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है तो दूसरी ओर पूरी दुनिया आतंकवाद के खिलाफ जंग में हिंदुस्तान के साथ है. ऐसे में पाकिस्तान के पास खुद को शांति दूत दिखाने के सिवाए कोई दूसरा चारा नहीं बचा. भारत ने पाकिस्तान को बेनकाब करते हुए दुनिया के ज्यादातर देशों को बताया कि किसने अपने एयर स्पेस बंद किए? समझौता एक्सप्रेस को किसने बंद किया? भारत अपनी धरती पर और आतंकी हमले बर्दाश्त नहीं करेगा? पाकिस्तान के युद्धनोन्माद का पूरा मुकाबला किया जाएगा? इस बीच भारत ने पुलवामा आतंकी हमले के तार पाकिस्तान से जुड़े होने के बारे तमाम सबूतों वाला डॉजियर पाकिस्तान को भेज दिया है. मतलब, भारत ने पाकिस्तान को पूरी तरह घेर लिया.

ये भारत की ओर से खींची गई लक्ष्मण रेखा थी. इसका मतलब था कि अगर हमारा पायलट सुरक्षित नहीं लौटा तो पाकिस्तान के खिलाफ सीधी कार्रवाई होगी. पाकिस्तान भारत के गुस्से को समझ गया और भारत के वीर सपूत अभिनंदन को लौटाने का ऐलान खुद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को 30 घंटे के अंदर करना पड़ा. हालांकि, पायलट अभिनंदन को छोड़ने से पहले पाकिस्तान ने बहुत हिसाब-किताब किया. अभिनंदन को आगे कर सौदेबाजी की स्क्रिप्ट लिखनी चाही. लेकिन, कोई दांव काम नहीं आया. भारत ने साफ-साफ कह दिया कि वो इस्लामाबाद के किसी जुबानी झांसे में नहीं आएगा.

27 फरवरी को सुबह 10 बजे के आसपास भारतीय सीमा में घुसे पाकिस्तानी विमान F16 को अभिनंदनने अपने पराक्रम से आसमान में पाकिस्तान के अत्याधुनिक एफ-16 विमानों के छक्के छुड़ा दिए. जाबांज पायलट ने पुराने मिग विमान MIG 21 बायसन से ही F16 को खदेड़ दिया. F16 का मलबा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मिला. आसमान में हुए इस जंग की चपेट में विंग कमांडर अभिनंदन का मिग-21 बायसन भी आया. दरअसल दुश्मनों के खदेड़ते हुए मिग-21 बायसन में अब कुछ भी हो सकता था. ऐसे में विंग कमांडर अभिनंदन से पैराशूट से छलांग लगा दी और जब वे जमीन पर पहुंचे वे इलाका पीओके का था.दुश्मन के विमान को मार गिराने के लिए पीओके में घुसे अभिनंदन ने दुश्मन के कब्जे में जाकर भी अदम्य साहस दिखाया. जब उनका विमान गिरा तो उस वक्त भी उन्होंने अपना पराक्रम दिखाकर पाकिस्तानियों को हैरान कर दिया. पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पीओके में पैराशूट से अभिनंदन एक तालाब में कूदे और कुछ दस्तावेज और मैप्स निगलने की कोशिश की. अभिनंदन ने वहां जमा हुए लोगों से पूछा कि वह भारत में हैं या पाकिस्तान में? जिसके जवाब में एक बच्चे ने चालाकी दिखाते हुए कहा कि वह भारत में ही हैं. पायलट ने इसके बाद नारे लगाए और पूछा कि भारत में वह किस जगह पर हैं.उसी लड़के ने अभिनंदन को बताया कि वह किला में हैं. अभिनंदन के देशप्रेम भरे नारों को कुछ पाकिस्तानी युवा पचा नहीं पाए और पाकिस्तान आर्मी जिंदाबाद का नारा लगा दिया. अभिनंदन समझ गए कि वह पाकिस्तान में हैं लेकिन बिना डरे उन्होंने हवा में फायरिंग की. हाथों में पत्थर लिए हुए लोगों को डराने के लिए भारतीय पायलट ने हवा में फायरिंग की. इस मुश्किल परिस्थिति में भी अभिनंदन ने साहस बनाए रखा और पाकिस्तान के आम नागरिकों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा. वह एक तालाब में कूदे और अपनी जेब से कुछ डॉक्युमेंट निकालकर उन्हें नष्ट करने की कोशिश की, ताकि पाकिस्तानी सेना के हाथ कुछ ना आ पाए.इसके बाद पाकिस्तान ने एक वीडियो जारी किया जिसमें उनसे सेना का अफसर कोई सवाल पूछ रहा था और वे जवाब देने से साफ मना कर रहे थे. दुश्मन की कैद में होने के बावजूद भारतीय पायलट अभिनंदन की हिम्मत बिल्कुल भी डगमगाती दिखाई नहीं देती है. अभिनंदन के पिता भी वायुसेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. पाकिस्तानी सेना के कब्जे में भी विंग कमांडर अभिनंदन सीना ताने, सर उठाए खड़े रहे और किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया. पूरे देश में अभिनंदन की वापसी की दुआएं होने लगी और भारत सरकार ने साफ कर दिया कि पाकिस्तान को हमारे पायलट को बिनी किसी शर्त, बिना नुकसान पहुंचाएं सौंपना ही होगा.जिस तरह से भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में घुसकर बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े आतंकी कारखाने पर हमला किया. पीओके में दूसरे आतंकी कैंपों को नेस्तनाबूत किया. उससे पाकिस्तान बुरी तरह से डर गया था. पाकिस्तान को डर था कि भारत अपने पायलट अभिनंदन को छुड़ाने के लिए कोई बड़ा फैसला कर सकता है. इस्लामबाद की पैनी नजर दिल्ली में हो रही हर हलचल पर थी. पुलवामा आत्मघाती हमले के बाद पूरा हिंदुस्तान गुस्से में था. उरी हमले के बाद भारतीय फौज का सर्जिकल स्ट्राइक पाकिस्तान पहले ही देख चुका था.रावलपिंडी में बैठे पाकिस्तानी आर्मी के जनरलों की भी समझ में आ गया कि ये नया भारत है- जो दुश्मन के घर में भी घुस सकता है और मार भी सकता है. एक ओर भारतीय फौज पाकिस्तान को सबक सिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है तो दूसरी ओर पूरी दुनिया आतंकवाद के खिलाफ जंग में हिंदुस्तान के साथ है. ऐसे में पाकिस्तान के पास खुद को शांति दूत दिखाने के सिवाए कोई दूसरा चारा नहीं बचा. भारत ने पाकिस्तान को बेनकाब करते हुए दुनिया के ज्यादातर देशों को बताया कि किसने अपने एयर स्पेस बंद किए? समझौता एक्सप्रेस को किसने बंद किया? भारत अपनी धरती पर और आतंकी हमले बर्दाश्त नहीं करेगा? पाकिस्तान के युद्धनोन्माद का पूरा मुकाबला किया जाएगा? इस बीच भारत ने पुलवामा आतंकी हमले के तार पाकिस्तान से जुड़े होने के बारे तमाम सबूतों वाला डॉजियर पाकिस्तान को भेज दिया है. मतलब, भारत ने पाकिस्तान को पूरी तरह घेर लिया.

ये भारत की ओर से खींची गई लक्ष्मण रेखा थी. इसका मतलब था कि अगर हमारा पायलट सुरक्षित नहीं लौटा तो पाकिस्तान के खिलाफ सीधी कार्रवाई होगी. पाकिस्तान भारत के गुस्से को समझ गया और भारत के वीर सपूत अभिनंदन को लौटाने का ऐलान खुद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को 30 घंटे के अंदर करना पड़ा. हालांकि, पायलट अभिनंदन को छोड़ने से पहले पाकिस्तान ने बहुत हिसाब-किताब किया. अभिनंदन को आगे कर सौदेबाजी की स्क्रिप्ट लिखनी चाही. लेकिन, कोई दांव काम नहीं आया. भारत ने साफ-साफ कह दिया कि वो इस्लामाबाद के किसी जुबानी झांसे में नहीं आएगा.

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