वो अब वो न रही

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Shubham Pathak
Dec 05, 2019   •  0 views

कल रात बात हुई उससे

उसके बोलने का अंदाज दूसरा था

वो जाना चाह रही दूर मुझसे

उसके बातों का मिजाज दूसरा था।

उसके साथ चलने वाला अब जांबाज दूसरा था

चाहत पर उसके लिबाज़ दूसरा था

कहती है देख के बर्दाश कर पाओगे किसी और को साथ मेरे,

हां कह दिया मैंने उसके ख़ुशी के खातिर, पलटने का उसका लिहाज़ दूसरा था।

शुभम पाठक

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