"रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाय,
टूटे से फिर ना जुड़े, जुड़े गाठ पड़ जाय।"

रहीम दास का यह प्रचलित दोहा हमारे रिश्तों के बीच आने वाली कड़वाहट पर ही है, कीकिस प्रकार हमारे बीच छोटी -छोटी बातो को लेकर दूरियां आ जाती हैं, जिसको किसी भी प्रकार से दूर नहीं किया जा सकता है, और अगर किसी तरह से ये दूरियां कम भी हो जाती है, और हम दुबारा से सभी गीले सिकवे भूल कर आगे बढ़ भी जाते है, तो ऐसी बहुत सी बाते होती है,जो हमने समय - समय पर याद आती जाती है, या यूं कहे कि थोड़ी सी गलती होने पर भी हमे वो सभी बाते याद आने लगती है, जो हमारे मन मोटाव का कारण बनी होती है।

तलाक एक ऐसा शब्द जिसका अर्थ सीधा - सीधा यही होता है, दो व्यक्तियों का आपसी सहमति से एक दूसरे से अलग हो जाना,

आज भारत में तलाक के मामले बहुत ही तेज़ी से बढ़ रहे है, आज तलाक होना आम बात हो गई है, थोड़ी सी ही अनबन होने पर लोग तलाक जैसी गंभीर मामले तक पहुंच जाते है।

आज लोग आपसी मस्लेको बातचीत से नहीं सुलझाना चाहते है, बल्कि तलाक जैसे आसान रास्ते से अपने रिश्ते से पीछा छुड़ाना चाहते है।

यह गलत नहीं कि अगर आप एक ऐसे व्यक्ति के साथ नहीं रहना चाहते है, जो आपकी भावनाओं को नहीं समझता या आपका सम्मान नहीं करता, या आपको हर प्रकार से प्रताड़ित करता है, तो ऐसे व्यक्ति से तलाक लेना कोई गलत काम नहीं है,लेकिन अगर हम आपस में हुए छोटी- छोटी अनबन से तलाक लेने लगे तो क्या ये सही है?

तलाक होने के कारण

तलाक होने के बहुत से कारण होते हैं जैसे -

कम्युनिकेशन गैप

कम्युनिकेशन गैप या फिर ये कहे कि आपस मै बातचीत का काम होना, ऐसे बहुत से उदाहरण सामने आए है, जिसमें ये अक्सर देखा गया है, कि लोग अपनी समस्याएं एक दूसरे के साथ बाटने में अक्सर असहज महसूस करते है, जिसके कारण उनके बीच अक्सर बाते नहीं हो पाती है, और उनके बीच कम्युनिकेशन गैप बना रहता हैं।

बिना सोचे समझें विवाह करना

यह गलती अक्सर लव मैरिज में देखी जाती है, यह जरूरी नहीं कि पहली नज़र का प्यार सच्चा हो, लव मैरिज करना गलत नहीं है, लेकिन बिना किसी इंसान को परखे उसके साथ बिना वक्त बिताते अगर हम जल्दबाजी में कोई बड़ा फैसला ले लेते है, और उसके बाद अगर हम उस इंसान के साथ खुश नहीं रहते है, तो वह भी तलाक का कारण बन जाता है।

एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर्स

इसका मतलब शादी के बाद भी किसी अन्य स्त्री या पुरूष के साथ संबंध रखना होता है, जिससे लोगों के बीच अक्सर दूरियां आ जाती है, और बात इतनी बढ़ जाती हैं, कि तलाक की भी नौबत आ जाती है।

तलाक होने से परिवार पर प्रभाव

लोगों को लेता है, की तलाक के बाद उनकी सारी समस्याएं दूर हो गई है, लेकिन ऐसा नहीं होता है, तलाक होने से तो आप उस रिश्ते से आजाद हो जाते हैं, लेकिन उसका सबसे ज्यादा प्रभाव परिवार पर पड़ता है, खास तौर पर बच्चों पर बच्चों का मन बहुत ही कोमल होता तलाक जैसी चीजों से उनके ऊपर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, उन्हें सम्पूर्ण परिवार का प्यार एक साथ नहीं मिल पाता है, उनके सामने समस्या तो तब आती है, जब उन्हें अपने माता -पिता में से किसी एक चुनना पड़ता है।

जिनका उनके मस्तिष्क पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता हैं।

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