ये दाग मेरी पहचान नही मुझे नाम कमाना अभी बाकी है सिर्फ चेहरा जला है मेरा पर, शरीर पर जान अभी भी बाकी है तेरी इस दरिंदगी की करामात की सज़ा दिलाने की आस अभी भी बाकी है।
आज समाज में न जाने कितनी महिलाएं एसिड अटैक का शिकार रोजाना हो रही है। भारत में कुल अब तक 250 से 300 तक की वारदातें सामने आई है । आज इस एसिड अटैक की वजह से बहुत सारी लड़कियों और महिलाओं की जान जा चुकी है, लड़कियां और महिलाओं की ज़िंदगी बर्बाद हो चुकी है , बहुत सारी लड़कियां और महिलाएं आज बदतर हालात में अपना जीवन यापन करने को मजबूर है।
पुरुषवादी समाज प्यार का दिखावा करके महिलाओ का मन मुताबिक इस्तेमाल किया औऱ जब मन भर गया तो किसी बेकार सी वस्तु समझकर अपने जीवन से निकालने के लाखों तरीको को भी ईजाद कर लिया। लड़कियों और औरत के साथ जबरदस्ती कर उनके चेहरे और शरीर पर एसिड फेंककर उनको मौत के मुँह में धकेल दिया।
ऐसे ही आज समाज में न जाने कितनी लड़कियों को एसिड अटैक की वजह से बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे कि अपने घर से बाहर निकलना नही पसन्द करती तो कही लोगो के ताने उनको जीने नही देते।
आज समाज में एसिड अटैक से पीड़ित लक्ष्मी अग्रवाल जो दुनियां भर के लिए एक मिशाल बन खड़ी हुई है । उनके एक ' 'न' कहने पर उनके सारे सपनो को जला कर राख कर दिया। लक्ष्मी अग्रवाल एक बहुत बड़ी सिंगर बनना चाहती थी । लक्ष्मी का चेहरा उस दरिंदे ने बिगाड़ तो दिया परंतु उसके हौसले को वह दफन नही कर पाया। आज लक्ष्मी एसिड अटैक का शिकार हुई लड़कियों के लिए प्रेरणा बन चुकी है।