पापा- एक अनोखी और अनसुनी कहानी

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Hardik Pathak
Jun 10, 2019   •  62 views

मैं समंदर की लहर हूँ तो वह गहरायी हैं, उन्हीं में मेरी पूरी दुनिया समाई है। यह सच है कि उनके लिए अपने प्यार को व्यक्त करने में असक्षम हूँ मैं, लेकिन उनके लिए किसी आभूषण से कम ना हूँ मैं। यह बात वह मुझसे कहने में शर्माते हैं और इस बात को वह अपनी ‛चिंता’ में छिपाते हैं। उन्होंने मुझे सिखाया है कि गलत के आगे कभी सर ना झुकाना और सही बात कहने में कभी मत शर्माना। इज़्ज़त चंद महीनो में नहीं कमाई जा सकती, यह तो सालों का परिश्रम होता है और इस संसार में सम्मान ही सर्वश्रेष्ठ धन होता हैवह तज़ुर्बे का भंडार हैं और उसी से वह दमदार हैं। नफरत और ईर्ष्या की उनमें बहुत कमी है क्योंकि मधुर स्वभाव और उदात्त व्यक्तित्व के वह धनी हैं।आकाश सा ओहदा है उनका, सरलता में वह रहते हैं और मुझसे हमेशा ही एक बात कहा करते हैं कि, भाषा की ही दम पर तुम हर मनुष्य के दिल को जीत सकते हो और बुज़ुर्गों की इज़्ज़त करके तुम ईश्वर को भी प्राप्त कर सकते हउनकी कही हुई बातों का अक्सर मैं खुद से ज़िक्र किया करता हूँ और ईश्वर की कृपा से वह मेरे “पिता” हैं, इस बात पर हर पल फक्र किया करता हूँ। कभी कभी उनकी आवाज़ सुनने के लिए मैं तड़प सा जाता हूँ परंतु हर बार खुद को उनके सामने व्यक्त करने में असफल हो जाता हूँ। वह कहते हैं तू हमेशा माँ से ही क्यों बात करता है, इसके जवाब में मेरे अंदर सवाल तो सैकड़ो घूमते हैं परंतु जवाब एक न मिलता है। (आज इस बात का उत्तर शायद मुझे प्राप्त हुआ है) वह अपनी बातों में हर अच्छे पल और ख़ुशी का विवरण देतें हैं परंतु उनके तनाव और तकलीफो का विवरण मुझे माँ से ही प्राप्त होता है। वह हमारी ख़ुशी के लिए दिन-रात एक कर देतें हैं और उनसे पूछो तो, “सब ठीक है” ही कहते हैं। वह हमारे सामने हर ग़म को छिपाते हैं और हमारी मुस्कराहट खरीदने के लिए सारी खुशियां कमाते हैअपने भावों को बोलकर समझाने में असमर्थ हूँ मैं, इसलिए कलम का सहारा लेता हूँ और इसके ज़रिये मैं अपने दिल की हर बात कह लेता हूँ। यह कविता भी गज़ब ही चीज़ होती है, मेरे हर भाव को पन्ने पर उतार देती है और लिखते वक़्त निकले जो मेरे अश्रु हैं इनको बड़ी खूबसूरती से छिपा लेती है। उनकी तारीफों से तो कई किताबें भर सकती हैं परंतु जिस दिन मैं उनसे यह बातें बोलूं शायद उसमें कई रातें निकल सकतमेरे बिन बोले ही मेरी हर बात वह समझ लेतें हैं और शायद इस बात के लिए ईश्वर मुझसे थोड़ा नाराज़ हो जाए परंतु मेरे दिल में मेरे पिता हमेशा उनसे ऊपर रहते हैं।

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