सितारा मछली
शानदार
मान
अहंकारी
घमण्डी
स्वाभिमानी
विशाल
गौरवान्वित
गर्वित
गर्वी
गरिमा
गर्व
And whenever I called them, that Thou mightest forgive them, they put their fingers in their ears, and wrapped them in their garments, and persisted, and waxed very proud.
" और जब भी मैंने उन्हें बुलाया, ताकि तू उन्हें क्षमा कर दे, तो उन्होंने अपने कानों में अपनी उँगलियाँ दे लीं और अपने कपड़ो से स्वयं को ढाँक लिया और अपनी हठ पर अड़ गए और बड़ा ही घमंड किया
Those that were abased will say to those who were proud: ' Rather, it was scheming night and day, when you ordered us to disbelieve in Allah and set up equals to Him ' And they will regret in secret when they see the punishment and We put fetters on the necks of the unbelievers. Shall they be recompensed except for what they were doing ?
और कमज़ोर लोग बड़े लोगों से कहेंगे बल्कि रात - दिन की फरेबदेही ने तुम लोग हमको खुदा न मानने और उसका शरीक ठहराने का बराबर हुक्म देते रहे और जब ये लोग अज़ाब को देख लेंगे तो दिल ही दिल में पछताएँगे और जो लोग काफिर हो बैठे हम उनकी गर्दनों में तौक़ डाल देंगे जो कारस्तानियां ये लोग करते थे उसी के मुवाफिक़ तो सज़ा दी जाएगी
Starting today, our government has set itself the task of implementing our Agenda for a proud, Prosperous India.
हमारी सरकार आरंभ से ही एक स्वाभिमानी तथा समृद्ध भारत के निर्माण के लिए अपने घोषणा - पत्र को कार्यान्वित करने के अपने काम में जुट जाएगी ।
I grew to know the sturdy Jat of the northern and western districts, that typical son of the soil, brave and independent looking, relatively more prosperous ; the Rajput peasant and petty landholder, still proud of his race and ancestry, even though he might have changed his faith and adopted Islam ; the deft and skilful artisans and cottage workers, both Hindu and Moslem ; the poorer peasantry and tenants in their vast numbers, especially in Oudh and the eastern districts, crushed and ground down by generations of oppression and poverty, hardly daring to hope that a change would come to better their lot, and yet hoping and full of faith.
धीरे धीरे मैंने उतऋ - ऊण्श्छ्ष् - तर और पशऋ - ऊण्श्छ्ष् - चिम ऋलों के जाटों को, ठेठ गांव के लोगों को जार्नासमझा, ऋनऋ - ऊण्श्छ्ष् - हें अभी भी अपनी कऋम और पुरखों का गर्व है, चाहे इसमें से किसी ने अपना मजहब बदल लिया हो और इसऋ - ऊण्श्छ्ष् - लाम को अपना लिया होL गुनी और कुशल कारीगरों और कुटीर धंधें में लगे लोगों को भी जाना, ऋनमें हिंदू और मुसलमान दोनों ही थेL गरीब किसानों और काशऋ - ऊण्श्छ्ष् - तकारों को देखा, जो खासकर अवध और पूर्वी ऋलों में बडऋई तादाद में हैं, ऋन पर बार्पदादों के जमाने से जुलऋ - ऊण्श्छ्ष् - म हो रहा है और जो अभी भी गरीब हैं, जो यह उमऋ - ऊण्श्छ्ष् - मीद करने की हिमऋ - ऊण्श्छ्ष् - मत भी नहीं कर सकते हैं कि उनके दिन ढढिऋरेंगे, लेकिन जो आशा लगाये बैठे हैं और ऋनऋ - ऊण्श्छ्ष् - हें इसका पूरा भरोसा भी है.
When the news of the first arrest of Subhas in December 1921 reached his parents, his father said in a letter to the elder son, Sarat that they were proud of Subhas and proud of you all.
दिसंबर 1921 में जब उन्हें सुभाष की पहली गिरफ्तारी की खबर मिली तो पिता ने बड़े बेटे शरत को एक पत्र लिखकर कहा कि उन्हें, सुभाष पर गर्व है और तुम सब पर गर्व है ।
The Messiah will never scorn to be a slave unto Allah, nor will the favoured angels. Whoso scorneth His service and is proud, all such will He assemble unto Him ;
न तो मसीह ही ख़ुदा का बन्दा होने से हरगिज़ इन्कार कर सकते हैं और न मुक़र्रर फ़रिश्ते और जो शख्स उसके बन्दा होने से इन्कार करेगा और शेख़ी करेगा तो अनक़रीब ही ख़ुदा उन सबको अपनी तरफ़ उठा लेगा
Say:" Tell me! If this is from Allah, and you deny it, and a witness from among the Children of Israel testifies that this Quran is from Allah, so he believed while you are too proud." Verily! Allah guides not the people who are Zalimun.
तुम कह दो कि भला देखो तो कि अगर ये ख़ुदा की तरफ से हो और तुम उससे इन्कार कर बैठे हालॉकि एक गवाह उसके मिसल की गवाही भी दे चुका और ईमान भी ले आया और तुमने सरकशी की बेशक ख़ुदा ज़ालिम लोगों को मन्ज़िल मक़सूद तक नहीं पहुँचाता
This book is a collection of some of the better known folk tales of the Dogras - a proud people inhabiting the region from extending from Jammu to Himachal Pradesh in North India.
यह पुस्तक कुछ प्रचलित डोगरी दंत कथाओं का संग्रह है । डोगरा समुदाय उत्तर भारत विशेषकर जम्मू तथा हिमाचल प्रदेश के निवासी हैं ।
And when they argue one with the other in the Fire, and the weak say unto those who waxed proud, ' Why, we were your followers ; will you avail us now against any part of the Fire ? '
और सोचो जबकि वे आग के भीतर एक - दूसरे से झगड़ रहे होंगे, तो कमज़ोर लोग उन लोगों से, जो बड़े बनते थे, कहेंगे," हम तो तुम्हारे पीछे चलनेवाले थे । अब क्या तुम हमपर से आग का कुछ भाग हटा सकते हो ?"
Your Lord has said, ' Call upon Me and I will answer you. Surely those who wax too proud to do Me service shall enter Gehenna utterly abject. '
तुम्हारे रब ने कहा कि" तुम मुझे पुकारो, मैं तुम्हारी प्रार्थनाएँ स्वीकार करूँगा ।" जो लोग मेरी बन्दगी के मामले में घमंड से काम लेते है निश्चय ही वे शीघ्र ही अपमानित होकर जहन्नम में प्रवेश करेंगे