स्पष्ट रूप से
This power only acts observably in abnormal conditions, when some part of the subconscious chitta comes as it were to the surface or when the subliminal being in us appears on the threshold and for a time plays some part in the outer chamber of mentality where the direct intercourse and commerce with the external world takes place and our inner dealings with ourselves develop on the surface.
यह शक्ति उन असामान्य अवस्थाओं में ही प्रत्यक्ष रूप से कार्य करती है जब अवचेतन चित्त का कोई भाग मानो ऊपरी तल पर आ जाता है अथवा हमारे अन्दर की प्रच्छन्न सत्ता प्रकट होकर मन की डयोढ़ी पर आ खड़ी होती है और कुछ समय के लिये मन के बाह्य प्रकोष्ठ की हलचल में कुछ भाग लेती है जहां कि बाह्य जगत् के साथ हमारा सीधा व्यवहार एवं आदान - प्रदान चलता है और अपने साथ हमारे आभ्यन्तरिक व्यवहार उपरितल पर प्रस्फुटित होते हैं ।