Meaning of Imperfectly in Hindi - हिंदी में मतलब

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Ayush Rastogi
Mar 08, 2020   •  1 view
  • त्रुटिपूर्ण ढंग से

Synonyms of "Imperfectly"

Antonyms of "Imperfectly"

"Imperfectly" शब्द का वाक्य में प्रयोग

  • Chapter XV The Cosmic Consciousness TO REALISE and unite oneself with the active Brahman is to exchange, perfectly or imperfectly according as the union is partial or complete, the individual for the cosmic consciousness.
    सक्रिय ब्रह्य का साक्षात्कार करके उसके साथ एकत्व प्राप्त करने का अर्थ है वैयक्तिक चेतना को, इस एकत्व की आंशिक या समग्र पूर्णता के अनुसार पूर्ण या अपूर्ण रूप से, विराट् चेतना में परिवर्तित करना ।

  • This is because the mind in the Ignorance lives in the moment and moves from hour to hour like a traveller who sees only what is near and visible around his immediate standpoint and remembers imperfectly what he has passed through before, but all in front beyond his immediate view is the unseen and unknown of which he has yet to have experience.
    इसका कारण यह है कि अज्ञानावस्था में मन एक विशेष क्षण में निवास करता है और एक घण्टे से दूसरे घण्टे की ओर उस पथिक की भांति ही बढ़ता है जो अपने तत्क्षण के दृष्टि स्थान के निकट और चारों ओर दिखायी देने वाली वस्तुओं को ही देखता है और जिन चीजों से वह पहले गुजर चुका है उन्हें अधूरे रूप में ही याद रखता है, किन्तु उसकी तात्क्षणिक दुष्टि से परे उसके सामने जो कुछ भी है वह सब अदृष्ट एवं अज्ञात है जिसका अनुभव उसे अभी प्राप्त करना है ।

  • It may be perfectly true that European judges and more especially barrister judges, are often imperfectly acquainted with the religious views and feelings of the Hindu community, and the utmost they can do, when occasion arises, is to consult those who are best informed upon the subject and to be guided by their advice.
    यह पूर्णतया सही है कि यूरोपीय न्यायाधीश, विशेष रूप से बैरिस्टर न्यायाधीश हिंदू समाज के धार्मिक विचारों और भावनाओं से अधिक परिचित नहीं हैं और ऐसा अवसर आने पर ज्यादा से ज्यादा यही कर सकते हैं कि इस विषय के जानकार व्यक्तियों से सलाह करें और उनके परामर्श पर चलें ।

  • The mentality of the average man is limited by this habitual mind and moves very imperfectly outside its circle.
    औसत मनुष्य की मानसिकता इस रूढ़ मन के द्वारा सीमित होती है और इसके घेरे के बाहर तो वह अत्यन्त अपूर्ण रूप में ही विचरण करती है ।

  • For then alone all the forces that are divided and express themselves imperfectly in life and its works are raised to their original unity, harmony, single truth, authentic absoluteness and entire significance.
    कारण, केवल तभी वे सब शक्तियां, जो विभक्त हैं और अपने - आपकों जीवन तथा इसके कर्मों में अधूर तौर पर प्रकट करती हैं, अपने मूल एकत्व, सामंजस्य, एकमेव सत्य, वास्तविक पूर्णत्व तथा पूर्ण मर्म तक ऊंचा उठ सकती हैं ।

  • In fact, it seems then rather to contain and possess and use the body than to be contained, possessed and used by it, just as the restless active mind seems to seize on and use irregularly and imperfectly whatever spiritual force comes into it, but the tranquillised mind is held, possessed and used by the spiritual force.
    वास्तव में, तब ऐसा प्रतीत होता है कि शरीर ने इसे अपने अन्दर धारण किया है तथा वही उसे अधिकृत और प्रयुक्त करती है, - जैसे कि चंचल सक्रिय मन में जब कोई आध्यात्मिक शक्ति प्रविष्ट होती है तो वह इस पर अधिकार जमाकर अनियमित तथा अपूर्ण रूप में इसका प्रयोग करता प्रतीत होता है, पर यही आध्यात्मिक शक्ति जब प्रशान्त मन में आती है तो उस धारण करती है तथा अधिकृत करके प्रयोग में लाती है ।

  • Another sort 464 The Yoga of Integral Knowledge of dynamis than physical or vital energy, something that we may call pure mind - power and soul - force, which the developed human being uses indeed but derivatively and imperfectly, but which we can now use freely and with knowledge, becomes the ordinary process of our action, while desire - force and physical action fall into a secondary place and are only used with this new energy behind them and as its occasional channels.
    भौतिक या प्राणिक ऊर्जा से भिन्न प्रकार की क्रियाशक्ति, एक ऐसी वस्तु जिसे हम शुद्ध मनोबल एवं आत्मशक्ति कह सकते हैं, जिसका प्रयोग विकसित मनुष्य करता तो अवश्य है पर गौण तथा अपूर्ण रूप में ही, पर जिसे अब हम स्वतंत्रता के साथ तथा ज्ञानपूर्वक प्रयोग में ला सकते हैं, हमारे कार्य की साधारण प्रणाली बन जाती है ; उधर, कामना - शक्ति और स्थूल क्रिया गौण हो जाती है और उनका प्रयोग उनके पीछे अवस्थित इस नयी शक्ति के साथ तथा उसके कभी - कभी काम आनवाले साधनों के रूप में ही किया जाता है ।

  • All these are so much dominated and conditioned by the thinking and reasoning conscious - being in us that we have no real awareness of these lower planes ; we are unable to 388 The Yoga of Integral Knowledge perceive in their own terms what these parts of us are doing, and receive it very imperfectly in the terms and values of the thinking and reasoning mind.
    चेतना की ये सब क्रियाएं हमारे अन्दर की विचारशील एवं तर्कप्रधान चित् - सत्ता के द्वारा इतनी अधिक अभिभूत और मर्यादित हैं कि हमें इन निम्नतर स्तरों का कुछ भी वास्तविक भान नहीं है ; हम इनकी अपनी परिभाषाओं में यह जानने में असमर्थ हैं कि हमारे ये भाग क्या कर रहे हैं, और इनकी क्रिया का ज्ञान हम विचारशील और तर्कप्रधान मन के लक्षणों और मूल्यों में अत्यन्त अपूर्ण रूप से ही प्राप्त करते हैं ।

  • It is not rational in our sense but suprarational, it does sovereignly what is sought to be done stumblingly and imperfectly by the mental reason.
    वह हमारी मानवीय परिभाषा में बौद्धिक नहीं है, बल्कि अतिबौद्धिक है, जिस कार्य को मनोमय बुद्धि के द्वारा स्खलनशील एवं अपूर्ण रूप से करने की चेष्टा की जाती है उसे वह प्रभुत्वपूर्ण ढंग से करता है ।

  • Much better to do one’s own work even if you have to do it imperfectly than it is to do somebody elses work perfectly.
    किसी और का काम पूर्णता से करने से कहीं अच्छा है कि अपना काम करें, भले ही उसे अपूर्णता से करना पड़े.

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