शुभ ढंग से
Propitiously
Unpropitiously
THE year 1940 began auspiciously as well as ominously. 1940
का वर्ष मंगल और अमंगल दोनों को ही सूचित करता हुआ आरंभ हुआ.
At about 9 o ' clock in the evening, Manusmriti was placed on an already erected platform. 1 Manusmriti was burnt auspiciously by the saints from untouchable community.
रात में करीबन नौ बजे परिषद के स्थान पर पहले से ही तैयार की गयी वेदी पर मनुस्मृति रखी गयी और अस्पृश्य समाज के कुछ साधुओं ने विधिपूर्वक उसका दाह संस्कार किया ।