बनारस...दुनिया का सबसे पुराना जिंदा शहर

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Suruchi Mishra
Jun 26, 2019   •  70 views

बनारस को बनारस ही नही काशी के नाम से जाना जाता है। यहाँ की सबसे बड़ी खासियत है की हर धर्म में बनारस को सबसे पवित्र स्थान मिला है। जहां एक तरफ गंगा के किनारे पर बाबा विश्वनाथ के आरती की घंटियों की आवाज़ सुनाई पड़ती है वहीं दूसरी तरफ धरारा मस्ज़िद से आने वाली अज़ान की आवाज़ से हर इंसान के अंदर से भेद भाव खत्म हो जाता है और एक सुकून की प्राप्ति होती है।

बनारस में लोग चाय को भी इश्क़ बना लेते हैं कभी तो कभी अपने इश्क़ के इज़हार में उसकी मदत लेते हैं। दुनिया का सबसे पुराना ज़िंदा शहर दिन रात जलता रहता हैमणिकर्णिका दिन रात जलता रहता है। बनारस में लोग जीवन ही नही मृत्यु का भी जश्न मनाते हैं।इसके अलावा बनारस बौद्ध घर्म के लिए भी एक धार्मिक स्थल है यहाँ पर गौतम बुद्ध ने अपना पहला प्रवचन दिया था। जैन धर्म के लिए भी यह स्थान बहुत ही धार्मिक रहा है।

बनारस मेंस्थित बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय दुनिया के जाने माने विश्वविद्यालय में से एक है। बात हो रही हो बनारस की और खाने की बात ना आए ये तो हो ही नही सकता। बनारस की मल्लईयो दुनिया भर में प्रसिद्ध है जो सिर्फ ठंड में ही मिलती है इसके साथ ही यहां की पान भी हर जगह पे प्रसिद्ध है। बनारस ना केवल खाने और धर्म के लिए ही जाना जाता है यहां की बनारसी साड़ी की दीवानी तो फ़िल्मी हस्तियां भी हैं। यह धर्म से कहीं ऊपर उठ कर एक ऐसा शहर बन चुका है जहां हर कोई पहले बनारसी है।

आइये बनारस के बारे में जानते हैं कुछ खास बातें ।

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घाटों का शहर बनारस

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बनारस में १०० से अधिक घाट हैं। शहर के कई घाट मराठा साम्राज्यके अधीनस्थ काल में बनवाये गए थे। वर्तमान बनारसके संरक्षकों में मराठा,शिंदे(सिंधिया), होल्कर, भोंसले और पेशवा परिवार रहे हैं। अधिकतर घाट स्नान-घाट हैं, कुछ घाट अन्त्येष्टि घाट हैं

-------------------------------------------------------------------------- मंदिरो का शहर बनारस

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बनारस मंदिरों का नगर है। लगभग हर एक चौराहे पर एक मंदिर तो मिल ही जायेगा। ऐसे छोटे मंदिर दैनिक स्थानीय अर्चना के लिये सहायक होते हैं। इनके साथ ही यहां ढेरों बड़े मंदिर भी हैं, जो बनारसके इतिहास में समय समय पर बनवाये गये थे। इनमें काशी विश्वनाथ मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर, ढुंढिराज गणेश, काल भैरव, दुर्गा जी का मंदिर, संकटमोचन, तुलसी मानस मंदिर, नया विश्वनाथ मंदिर, भारतमाता मंदिर, संकठा देवी मंदिर व विशालाक्षी मंदिर प्रमुख हैं।

----------------------------------------------------------------------------बनारस एक पर्यटन स्थल

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अपनी अनुपम और अद्वितीय संस्कृति के कारण बनारस संसार भर में पर्यटकों का आकर्षण बना हुआ है। शहर में अनेक ३, ४ और ५ सितारा होटल हैं। इसके अलावा पश्चिमी छात्रों और शोधकर्ताओं के लिये पर्याप्त और दक्ष रहन सहन व्यवस्था है। यहां के स्थानीय खानपान के अलावा लगभग सभी प्रकार की खानपान व्यवस्था शहर में उपलब्ध है। शहर के लोगों का स्व्भाव भी सत्कार से परिपूर्ण है। बनारस बनारसी रेशम की साड़ियों और पीतल के सामान के लिये भी प्रसिद्ध है। इसके अलावा उच्च कोटि के रेशमी वस्त्र, कालीन, काष्ठ शिल्प, भित्ति सज्जा एवं प्रदीपन आदि के सामान के साथ-साथ बौद्ध एवं हिन्दू देवी-देवताओं के मुखौटे विशेशः आकर्षण रहे हैं। मुख्य खरीदारी बाजारों में चौक, गोदौलिया, विश्वनाथ गली, लहुराबीर एवं ठठेरी बाजार हैं।अस्सी घाट शहर के डाउनटाउन इलाके गोदौलिया और युवा संस्कृति से ओतप्रोत बी.एच.यू के बीच एक मध्यस्थ स्थान है, जहां युवा, विदेशी और आवधिक लोग आवास करते हैं।

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